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26 हजार से अधिक सीनियर सिटीजन का बनाया शबाना ने पहचान पत्र

रतलाम रेंज के तीनों जिलों में किया कार्य, अब पुलिस को कर रही सीनियर सिटीजन के लिए मदद

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रतलाम रेंज के तीनों जिलों में किया कार्य, अब पुलिस को कर रही सीनियर सिटीजन के लिए मदद

रतलाम। वैसे तो शहर से लेकर जिले और रतलाम रेंज के मंदसौर के साथ नीमच में भी काफी माता या बहन इस प्रकार की है, जो लीक से हटकर समाज के लिए सेवा कार्य कर रही है, लेकिन जब बात रतलाम रेंज में वृद्धजन की पीड़ा पर मरहम लगाने की होती है तो सबसे पहले नाम शबाना खान का आता है। दस साल से शबाना खान वृद्धजन के लिए सीनियर सिटीजन पुलिस पंचायत चला रही है। अब तक 26 हजार से अधिक वृद्ध के लिए न सिर्फ पहचान पत्र बनाए, बल्कि उनके जीवन की कई समस्याओं का समाधान भी कराया । इतना ही नहीं, अब पुलिस के साथ मिलकर हर दिन वृद्धों के घर जाकर उनकी सामाजिक समस्याओं के समाधान का कार्य कर रही है।

शबाना ने बताया सीनियर सिटीजंस पुलिस पंचायत की शुरुआत सन 2015 में हुई थी। जिले के रतलाम शहर से शुरुआती दौर में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। उस समय सीनियर सिटीजंस की समस्याएं तो काफी थी पर सीनियर सिटीजंस तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल था। पुलिस-प्रशासन की इस मुहिम का हिस्सा बनकर घर-घर जाकर सीनियर सिटीजंस परिचय पत्र बनाए। शुरुआत रतलाम से की, स्वयं के जुड़ने के बाद सेवा के लिए तैयार टीम को तैयार किया। घर-घर जाकर उनके लिए परिचय पत्र का फॉर्म भरना फिर परिचय पत्र बनाकर एक तारीख तय करके अधिकारियों द्वारा उसे परिचय पत्र को आवंटित करवाना एवं उनकी समस्याओं को अधिकारियों के बीच रखना शुरुआती दौर बहुत संघर्ष पूर्ण था।

1 से 26 हजार ऐसे पहुंचे

शबाना ने कहा आज भी मुझे अच्छे से याद है कि जब मैंने शुरू का फॉर्म सीनियर सिटीजंस का जब भरा था उसमें मैने क्रमांक एक नंबर डाला था और देखते ही देखते यह नंबर 26000 बन गया। इस वृक्ष को वट वृक्ष बनने में काफी समय लगा, पर सफलता मिली। अब शहर ही नहीं नीमच, मंदसौर जिले के 26000 वृद्धजन इस परिवार के सदस्य हैं। उनकी समस्याओं को सुनना एवं उन समस्याओं को अधिकारियों के बीच रखकर उन समाधान करवाना अपने आप में एक चुनौती पूर्ण था।

यह कार्य आता परिचय पत्र

शबाना से जब सवाल किया, यह परिचय पत्र कार्य क्या आता है तो बताया सबसे बड़ा लाभ यह है कि वृद्ध की उम्र के साथ स्मृति कमजोर होने पर खाने का भय नहीं है। कार्ड बता देता है, आप किधर के, कहां के रहने वाले हो और संपर्क परिवार से किया जा सकता है। इसी प्रकार किसी प्रकार की दुर्घटना हो तब भी मदद में यह कार्य आएगा। इस कार्ड में परिवार की जानकारी ही नहीं, बल्कि रक्त समूह आदि भी लिखा है। अब वृद्धजन के यहां जाकर उनकी समस्याएं सुनते है समाधान करवा रहे है।