
(Photo Source- Patrika)
इंसान को जीवन सबसे ज्यादा जरूरत जिस चीज की है वो है 'दो वक्त की रोटी'। जीवन जीने के लिए रोज़ाना दो बार का भोजन जरूरी है लेकिन कई लोगों को ये नसीब नहीं है। जरूरतमंदों और बेघर लोगों को भूखा न सोना पड़े, इसी सोच के साथ मध्यप्रदेश के गाडरवारा निवासी विशाल सिंह ठाकुर ने साल 2015 में 6 रोटी से सेवा कार्य की शुरुआत की थी।
बेटी अलंकार की प्रेरणा से शुरू हुआ यह छोटा प्रयास आज मानवता की बड़ी मिसाल बन गया है। गाडरवारा रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 250 से 300 लोग और कई बार 500 से भी अधिक जरूरतमंद समानपूर्वक भोजन प्राप्त कर रहे हैं।
शहर के हर वर्ग का सहयोग मिलने से विशाल 'रामरोटी सेवा दल' अब भूखों का भरोसेमंद सहारा बन चुका है। पेट की भूख मिटाना हर व्यक्ति की आवश्यकता है, परंतु किसी अनजान के पेट की आग बुझाने का संकल्प बहुत कम लोग लेते हैं। विशाल ठाकुर ने इस दिशा में कदम बढ़ाया और धीरे-धीरे शहर के लोग भी सेवा अभियान से जुड़ते चले गए। आज दल के सदस्य शहर और स्टेशन क्षेत्र में नियमित रूप से भोजन वितरण कर रहे हैं।
विशाल, जो गाडरवारा नगर निकाय में कार्यरत हैं, बताते हैं कि साल 2015 में उनकी बेटी अलंकार ने 6 रोटियां बनाकर भूखे लोगों को देने की बात कही। लेकिन इतनी रोटियों से कुछ ही लोगों का पेट भर पाता।
इसके बाद विशाल ने आसपास के 62 घरों को चिह्नित किया और रोजाना रात 7.30 बजे से 8.30 बजे तक घर-घर जाकर दो-दो रोटियां एकत्र करना शुरू किया। रोटियों के साथ सब्जी और अचार भी जुटाया जाता था।
स्टेशन पहुंचने पर स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आने लगे। कोरोनाकाल में कार्य कठिन जरूर हुआ, पर लॉकडाउन खुलते ही सेवा फिर पूरी गति से शुरू हो गई।
कोविड के बाद सहयोग इतना बढ़ा कि भोजन प्राप्त करने वालों की संख्या कई बार 500 तक पहुंच जाती है। आज शहर के लोग विशेष अवसर- जन्मदिन, वर्षगांठ, पुण्यतिथि पर भोजन बनाकर सेवा दल को देते हैं, ताकि जरूरतमंदों तक समानपूर्वक भोजन पहुंच सके।
Published on:
01 Dec 2025 05:35 pm
बड़ी खबरें
View AllPatrika Special News
ट्रेंडिंग
Exclusive: ‘मेरे लिए झूठ और झूठे लोग रेड फ्लैग’- बोलीं अनन्या पांडे, जानिए कार्तिक आर्यन ने क्या कहा

