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Damoh News : सरकारी कर्मचारी के परिजन, तो दूसरे नगर के निवासी को मिल गया पीएम आवास

जिनके विवाह तक नहीं हुए, उन्हें भी मिला आवास, जरूरतमंद काट रहे नगरपालिका के चक्कर

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दमोह

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Samved Jain

Nov 11, 2025

PM Awas Yojana 2.0

PM Awas Yojana 2.0 (फोटो सोर्स : सोशल मीडिया)

दमोह. गरीब और बेघर को उनके सपनों का घर मिल सके, इसके लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना शहर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। यहां किसी सरकारी कर्मचारी के परिजन, तो किसी दूसरी नगर परिषद में रहने वालों को आवास दे दिए गए। इतना ही नहीं जिनके विवाह नहीं हुए, उन्हें भी आवास आवंटित हो गए। इसके अलावा अनेक विसंगतियां आवंटन में अब सामने आ रही हैं। खास बात यह भी है कि इसकी अनेक शिकायतें सीएम हेल्पलाइन, नगरपालिका कार्यालय में हुई हैं, लेकिन उनकी सुनवाई करना भी संबंधित प्रभारियों और सीएमओ ने जरूरी नहीं समझा है। इधर, संबंधित उपयंत्री और एक स्थाईकर्मी हमेशा कार्यालय से भी नदारद रहता है।

पड़ताल में सामने आई ऐसी भी गड़बड़ी
पत्रिका ने जब पड़ताल की जो अनेक खामियां सामने आई। एक हितग्राही ममता साहू पति मुन्नालाल साहू को सिविल वार्ड ५ का निवासी बताते हुए उसे डी-१० में ६ नंबर आवास आवंटित कर दिया गया। मामले में जब पड़ताल की गई तो पता चलता है कि सिविल वार्ड ५ में ऐसी कोई महिला निवास ही नहीं करती है। बाद में पता चलता है कि ममता साहू पति मुन्नालाल साहू दमोह नगर नहीं, बल्कि हिंडोरिया नगर परिषद की मूल निवासी है। जो वार्ड १३ की स्थाई निवासी है और यहां के आंगनबाड़ी क्रमांक ४३ की कार्यकर्ता भी हैं। जबकि इनके पति मुन्नालाल साहू शासकीय शिक्षक है, जिनके रेकॉर्ड में भी परमानेंट एड्रेस हिंडोरिया ही है। पड़ताल के बाद जब मामले के संबंध में सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत होती है, तो नगरपालिका द्वारा उसका एड्रेस प्रूफ के लिए आधार होना बता दिया, जबकि आधार एड्रेस को प्रमाणित नहीं करता है।

एक नंबर पर लोन, अब दूसरा कर दिया आवंटन
सिविल वार्ड ७ में रहने वाली शीला ने २०२३ में कलेक्टर को एक शिकायत की थी, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि उसे डी-१० ब्लॉक में आवास का आवंटन हुआ था, इसी ब्लॉक के आवंटन पर उसका लोन भी आवास फाइनेंस में चल रहा है। मामले की शिकायतें बढऩे पर उसे डी-२ में ६ नंबर आवास भी आवंटित कर दिया गया। जबकि डी-१० का आवास पर उसका लोन चल रहा है। इसके अलावा २५ से अधिक ऐसे हितग्राही भी है, जो इस योजना से पूरी तरह अपात्र है, इनमें कुछ के विवाह तक नहीं हुए हैं, उन्हें भी आवास आवंटित कर दिए गए हैं।

लोग बोले कर्मचारियों ने मनमाने दामों पर बेचे हैं आवास
स्थानीय निवासी दामोदर चढ़ार, स्वप्रिल ने बताया कि नगरपालिका के उपयंत्री अशोक पाठक, स्थाई कर्मी आशीष दुबे और ४-५ दलालों ने पीएम आवास योजना को निजी कॉलोनी की तरह बेचा हैं। जिसमें एक-एक आवास पर ५० हजार से १ लाख रुपए तक अधिक लेकर अपात्रों को आवास आवंटित करने जैसे गंभीर आरोप हैं। यही वजह है कि इस तरह की गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। पूरी सूची पर गौर करें तो २०० से अधिक ऐसे लोग हैं, जो आवास की पात्रता ही नहीं रखते हैं। नगरपालिका में भी ये कर्मचारी कभी नहीं मिलते हैं।

क्या है पात्रता के नियम

दमोह शहर का स्थाई निवासी।

परिवार की समग्र आइडी, मोबाइल नंबर।

पति-पत्नी का आधार कार्ड/ ईपिक आइडी।

शहर में मकान नहीं, उसका स्वप्रमाणीकरण।

फैक्ट फाइल

  • १३५६ प्रधानमंत्री आवास का किया गया है निर्माण।
  • २ लाख रुपए रखी गई थी सब्सिडी के बाद कीमत।
  • ५० से ज्यादा आवास अब भी खाली, सूची में फुल।
  • १००० हजार से अधिक पीएम की शिकायतें पेडिंग।

वर्जन
प्रधानमंत्री आवास का आवंटन पहले का है। इसमें गड़बड़ी हुई है तो पता करता हूं। जितने भी गलत आवंटन हुए हैं, निरस्त किए जाएंगे। यह बात सही है कि उपयंत्री व स्थाईकर्मी कार्यालय में नहीं मिलते, इसके लिए उन्हें आगाह भी किया जा चुका हैं। संबंधितों से जानकारी लेकर कार्रवाई करता हूं।
राजेंद्र सिंह लोधी, सीएमओ नगरपालिका दमोह