
मुख्य शहर के बीच और हाइवे पर मचेगी धमाचौकड़ी, शादी सीजन शुरू होने के पहले जारी नहीं निर्देश
दमोह. ग्यारस पूजन के साथ-साथ शादी का सीजन एक बार शुरू होने वाला है। ऐसे में जिन घरों में शादियां हैं, वहां तैयारियां शुरू हो गई हैं। साथ ही बारात घरों की बुकिंग भी शुरू हो गई है, लेकिन नगरपालिका ने अब तक ऐसे बारात घरों को चिन्हित कर अल्टीमेटम नहीं दिया हैं, जहां न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही फायर सेफ्टी और कचरा प्रबंधन की। बीते सीजन में जरूर कुछ बारात घरों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन बावजूद इसके कोई व्यवस्था बारात घरों में देखने नहीं मिल रही हैं, ऐसे में बारातघरों से होने वाली अव्यवस्थाओं का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा।
शहर में जबलपुर रोड के अलावा मोहल्ले व कॉलोनियों में विवाह घर मैरिज गार्डन और होटल खुल गए हैं। जहां शादियों का सीजन शुरू होते ही शादियों की धूम शुरू हो जाती है। बगैर अनुमति के चलने वाले मैरिज गार्डन अधिकतर या तो धनाढ्यों के हैं या दबंगों के, जो शादियों की बुकिंग के नाम पर डेढ़ से तीन लाख रुपए तक वसूलते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं देते हंै। संबंधित अधिकारियों में मैरिज गार्डन, होटल संचालकों के सत्ता से जुड़े राजनेताओं से संबंध होने की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई का साहस तक नहीं उठा पा रहे हैं।
न फायर सेफ्टी, न कचरा प्रबंधन
पत्रिका ने शहर स्थित और हाइवे पर स्थित आधा दर्जन से अधिक बारात घरों में व्यवस्थाओं को देखा। मैरिज गार्डन में मौजूद सुरक्षा के इंतजामों की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई है। ज्यादातर मैरिज गार्डन में फायर सेफ्टी को लेकर कुछ भी इंतजाम नजर नहीं आए। जबकि इन स्थलों पर भोजनशाला भी स्थित है और उत्सव, शादी व अन्य समारोह के दौरान भोज भी तैयार किया जाता है। इस दौरान आग लगने की आशंका भी बनी रहती है, लेकिन इससे निबटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। इसी के साथ कुछ गार्डनों में पार्किंग के नाम पर दिखाने के लिए जगह छोड़ी गई है। वहीं, सुरक्षा गार्ड तक नहीं रहते हैं और सब मनमाने अंदाज में चल रहा है।
सड़क पर करा रहे पार्किंग, लगते हैं लंबे जाम
शहर और आसपास करीब २0 बड़े मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं। इनमें कुछ मैरिज गार्डन तो जबलपुर रोड पर सड़क के बिल्कुल किनारे पर बने हुए हैं तो कुछ रहवासी क्षेत्रों जैसे नया बाजार, धरमपुरा, सिविल वार्ड ९, बजरिया ४ सहित अन्य जगह पर चल रहे हैं। पार्किंग न होने से सबसे ज्यादा समस्या इन्हीं क्षेत्रों में आ रही है। वहीं, कुछ मैरिज गार्डन तो गली, मोहल्ले तक में खुल गए हैं। सर्वे न होने की वजह से कई तो बिना अनुमति के संचालित हैं। नगर पालिका इन स्थलों की जांच तक नहीं करती है। कचरा निष्पादन के लिए किसी भी गार्डन में इंतजाम नहीं देखने मिला।
सरकारी परिसर को पार्किंग स्थल बनाया
शहर के जबलपुर रोड पर खुली दो-तीन होटलों में मैरिज गॉर्डन का काम भी किया जा रहा है, लेकिन इनके पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इन्होंने पॉलीटेक्निक कॉलेज के ग्राउंड को ही अपनी प्रॉपर्टी समझते हुए पार्किंग कराई जाती है। यहां एक गेट भी टंकी के पास लगा लिया गया है, इस बार भी यहीं पार्किंग देखने मिलेगी, क्योंकि यहां दो चारपहिया वाहन रखने की जगह भी नहीं है और जगह पार्किंग के लिए हैं, वहां पर मंच और रिसेप्सन के कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। इसके बाद भी यहां रोड पर वाहन खड़े नजर आते हैं।
बैठक और नोटिस तक ही सीमित कार्रवाई
शहर और आसपास संचालित मैरिज गार्डनों और होटलों का अब तक सर्वे तक नहीं हुआ है। बीते महीनों में नगरपालिका ने इनकी बैठक लेकर चर्चा की थी। साथ ही सभी से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा था, लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया। वहीं कुछ मैरिज गॉर्डनों को नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधरी है।
वर्शन
लोगों से आग्रह है कि ऐसे मैरिज गॉर्डन में ही बुकिंग कराएं जहां फायर सेफ्टी, पार्किंग और कचरा प्रबंधन और सुरक्षा जैसी व्यवस्था हो। बिना रजिस्ट्रेशन और सुविधाओं के अभाव के चल रहे मैरिज गॉर्डनों पर इस बार बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र सिंह लोधी, सीएमओ नगरपालिका दमोह
Updated on:
04 Nov 2025 09:43 am
Published on:
04 Nov 2025 09:42 am
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