सुप्रीम कोर्ट में बिहार में एसआईआर से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बिहार की संशोधित मतदाता सूची में किसी मतदाता को शामिल करने/छोड़ने के उद्देश्य से व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड को भी ध्यान में रखा जाएगा। SC ने स्पष्ट किया कि आधार को केवल पहचान के प्रमाण के रूप में माना जाना चाहिए, नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा- कोई नहीं चाहता कि चुनाव आयोग अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची में शामिल करे।