नागौर. विश्व हिंदू परिषद की महिला इकाइयों दुर्गा वाहिनी एवं मातृ शक्ति की ओर से रविवार को शिवबाड़ी के शानेश्वर मंदिर परिसर में शस्त्र पूजन और शारीरिक प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के तौर डॉ. सीमा सोलंकी ने कहा कि आज की लड़कियां शस्त्र की जगह मोबाइल उठाती हैं। इससे समाज में अत्याचार बढ़ रहे हैं। उन्होंने बेटियों को शिक्षा और संस्कार देने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि वह सनातन की विशेषताओं को समझें, और इसे अपनाएं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी जरूरत है कि वह बचपन से ही अपने बच्चों में सनातन के संस्कारों के बीच डालें, ताकि बच्चे बड़े होने पर पथभृष्ट न हो सकें। इसके लिए आवश्यक है कि शस्त्र पूजन की प्राचीन सनातन परंपरा का महत्व समझना होगा। कार्यक्रम में महंत लक्ष्मीनारायण दास महाराज ने कहा कि जब मातृ शक्ति पर अत्याचार होता है, तब मां दुर्गा और मां चामुंडा के रूप में वह दुष्टों का विनाश करती है। उन्होंने नारी शक्ति को शस्त्र उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं के हाथों में अस्त्र-शस्त्र धारण करने से स्पष्ट है कि यह सनातन परंपरा में इसे धारण करना। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर भगवान श्रीकृष्ण ने भी शस्त्र का प्रयोग किया था। वर्तमान में हम सनातन संस्कारों को भूलकर पाश्चात्य की ओर गमन करेंगे तो हमारा पतन निश्चित है। इस मौके पर मंदिर में बालिकाओं ने शारीरिक प्रदर्शन करते हुए तलवारबाजी की कला दिखाई। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद की महिला उपाध्यक्ष अनुपमा उपाध्याय और मातृ शक्ति की विभाग संयोजिका बबीता बेनीवाल, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत, प्रांत के सह सत्संग प्रमुख पुखराज सांखला, जिला मंत्री मेघराज राव, सह मंत्री रामनिवास झाड़वाल, सरोज प्रजापत, शोभा सारड़ा, हेमा मालानी, पुष्पा देवी, पुष्पा वैष्णव, चंद्रकांता, सरिता राव, जसोदा राव आदि मौजूद थीं।