नागौर. जिले की कृषि उपज मंडियों में नए मूंग की आवक शुरू हो गई है, लेकिन सरकारी खरीफ की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से किसानों को मंडी में उचित भाव नहीं मिल रहे हैं। मजबूरी में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से दो से तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल कम दामों में मूंग बेचने पड़ रहे हैं। एक तो समय पर बारिश नहीं होने तथा बाद में अति वृष्टि व बेमौसम बारिश से इस बार मूंग की अधिकतर फसल खराब हो गई, ऊपर से मूंग के उचित भाव नहीं मिलने से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने खरीफ 2025 की फसल के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 8768 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, लेकिन नागौर जिले में अब तक एमएसपी पर मूंग की खरीद करना तो दूर अभी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के ही श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में गत 27 सितम्बर 2025 से मूंग खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गए हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि शेष जिलों में शीघ्र ही पंजीकरण शुरू करेंगे, लेकिन नागौर प्रदेश में सबसे अधिक मू्ंग उत्पादन करने वाला जिला है, इसलिए समय पर खरीद शुरू नहीं होने से हर बार पूरी खरीद नहीं हो पाती है या फिर किसान ज्यादा दिन इंतजार नहीं कर पाते हैं और कम भाव पर मंडी में मूंग बेच देते हैं। नागौर के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार से किसानों में रोष उत्पन्न हो रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि जल्द ही नागौर जिले में मूंग की सरकारी खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।
सरकार को भेजा अनुमानित उत्पादन का आंकड़ा
राजस्थान सहकारी समितियां के सचिव सुभाष ने बताया कि मूंग की एमएसपी पर खरीद के लिए जिले का अनुमानित उत्पादन सरकार को भेजा जा चुका है। हालांकि रजिस्ट्रेशन को लेकर अभी तक कोई मैसेज नहीं आया है। उन्होंने बताया कि जिले में 15 अक्टूबर तक गिरदावरी का कार्य किया जाना है।
मंडी में पिछले सात दिन में मूंग की आवक
दिन - आवक क्विंटल में
23 सितम्बर - 984
24 सितम्बर - 947
25 सितम्बर - 1528
26 सितम्बर - 1378
27 सितम्बर - 1692
29 सितम्बर - 2972
एमएसपी के आधे मिल रहे दाम
नागौर कृषि उपज मंडी में मूंग के प्रति क्विंटल भाव 4700 रुपए से 7000 तक हैं। मंडी व्यापारियों ने बताया कि ज्यादातर मूंग 6000 से साढ़े छह हजार प्रति क्विंटल बिक रहे हैं। यदि ज्यादा खराब है तो 5 हजार और अच्छा मूंग 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। जबकि एमएसपी 8768 रुपए प्रति क्विंटल है, ऐसे में किसानों को दो से तीन हजार रुपए का नुकसान प्रति क्विंटल झेलना पड़ रहा है। गौरतलब है कि मंडी में पिछले सात दिन में आवक तीन गुना बढ़ गई है और आने वाले दिनों में यह और अधिक बढ़ेगी। ऐसे में सरकार को समय रहते मूंग की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करके खरीद शुरू करनी चाहिए, ताकि प्रकृति के सताए किसानों को राज से थोड़ी राहत मिल सके।
कपास खरीद के लिए आशानुरूप नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन, तिथि बढ़ाई
प्रदेश में कपास की एमएसपी पर खरीद शुरू करने के लिए पिछले एक महीने से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन उचित प्रचार-प्रसार नहीं होने से किसानों को जानकारी नहीं मिल पाई। साथ ही बारिश की अनियमितता के कारण समय पर कपास की फसल तैयार नहीं हो पाई, इसको देखते हुए कृषि विपणन निदेशालय, जयपुर के निदेशक राजेश कुमार चौहान ने अधिनस्थ अधिकारियों को इसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए। नागौर कृषि मंडी सचिव रघुनाथराम सिंवर ने बताया कि कपास की बिक्री के लिए किसान कपास किसान ऐप से पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है।
Updated on:
01 Oct 2025 11:33 am
Published on:
01 Oct 2025 11:32 am