गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल सानी की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इजरायल ने दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर जो हमला किया, उसने गाजा में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई की हर उम्मीद को खत्म कर दिया है।
दरअसल, इजरायल और हमास के बीच अक्टूबर 2023 से अबतक संघर्ष जारी है। उस समय हमास ने इजरायल पर हमला किया था और 200 से ज्यादा लोगों को बंदी बना लिया था। करीब 48 बंधक अभी भी हमास की गिरफ्त में हैं, जिनमें से माना जा रहा है कि लगभग 20 लोग अब जीवित हो सकते हैं। इसी दौरान मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में एक रिहायशी इलाके में हमला हुआ। जिसके पीछे इजरायल का हाथ बताया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले का मकसद हमास के नेताओं को निशाना बनाना था। हमास की तरफ से कहा गया कि उनके शीर्ष नेता इस हमले में बाल-बाल बच गए, लेकिन इस दावे का अभी तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है। इस हमले में खलील अल-हैय्या के बेटे, उनके तीन अंगरक्षक और कार्यालय प्रमुख की मौत हुई है। खलील अल-हैय्या हमास का सीनियर नेता और प्रमुख वार्ताकार माना जाता हैं।
बता दें कि कतर और मिस्र अब तक गाजा संघर्ष को रोकने और बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाते रहे हैं। अमेरिका के कहने पर ही कतर ने दोहा में हमास के राजनीतिक नेताओं को शरण दी थी, ताकि बातचीत की संभावना बनी रहे। लेकिन इस हमले के बाद हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। कतर का मानना है कि अब बंधकों की रिहाई मुश्किल हो गई है।
उधर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि फिलिस्तीन के लिए अब कोई जगह नहीं होगी। यह धरती इजरायल की है और यहीं बस्ती बसाई जाएगी। गुरुवार को वेस्ट बैंक के माले अदुमिम में हुए एक कार्यक्रम में नेतन्याहू ने कहा कि वो इस इलाके में बस्तियों की आबादी को दोगुना करेंगे। उनका कहना है कि ई1 इलाके पर बस्ती बसाना अब जरूरी है – ये वही इलाका है जो यरुशलम और माले अदुमिम के बीच आता है। यह जमीन काफी संवेदनशील मानी जाती है, क्योंकि इससे फिलिस्तीनी इलाकों के उत्तर और दक्षिण हिस्से जुड़े हैं। इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रोजेक्ट का काफी विरोध होता रहा है। लेकिन अब नेतन्याहू की सरकार इस पर आगे बढ़ने को तैयार दिख रही है। बीते महीने इजरायल के वित्त मंत्री ने इस जमीन पर करीब 3400 घर बनाने की योजना का समर्थन किया था।
ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि न सिर्फ गाजा में हालात खराब हैं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी तनाव गहराता जा रहा है। एक तरफ बंधकों की रिहाई की उम्मीदें टूट रही हैं, दूसरी तरफ इजरायल-फिलिस्तीन विवाद एक बार फिर और भी जटिल होता जा रहा है।