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‘आपने 2003 के चुनाव में कहां वोट दिया था, लिंक में भर दें…!’ इन मैसेज से सावधान

MP News: एसआइआर प्रक्रिया के शुरू होने पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश ने इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।

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प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Social Media)

प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Social Media)

MP News: चुनावी सिस्टम में डिजिटल पारदर्शिता बढ़ाने के लिए शुरू हुई एसआइआर प्रक्रिया को लेकर साइबर ठग एक्टिव हो गए हैं। फ्रॉड के लिए यह डेटा गोल्डमाइन बन गया है। शहर में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ठग फिशिंग बॉट्स, क्लोन वेबसाइट और ऑटो-जनरेटेड ओटीपी स्क्रिप्ट्स का इस्तेमाल कर मतदाताओं के मोबाइल पर सरकारी संदेश जैसा दिखने वाली लिंक, टेक्स्ट मैसेज या एपीके फाइल भेज रहे हैं। तीन दिन में दो मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा साइबर फ्रॉड को लेकर निर्वाचन आयोग ने भी अलर्ट कर एडवायजरी जारी की है।

92 कोड देख नंबर किया ब्लॉक

नानाखेड़ा क्षेत्र में रहने वाली मंजूला के पास मंगलवार को 8887412569 नंबर से फोन पहुंचा। संदेश में कहा गया कि आपने 2003 के चुनाव में किस शहर में मतदान किया था। एक लिंक आपको भेजी जा रही है, इसमें मतदान विधानसभा क्षेत्र भरें। हालांकि मोबाइल नंबर के आगे 92 देख मंजूला सतर्क हो गईं क्योंकि यह देश से बाहर के कोड थे। उन्होंने तुरंत नंबर को ब्लॉक कर दिया।

निर्वाचन आयोग ने जारी की एडवायजरी

-एसआइआर प्रक्रिया के शुरू होने पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश ने इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। एडवाइजरी में कहा कि एसआइआर प्रक्रिया में न तो ओटीपी की जरूरत होती है और न किसी अधिकारी को इसे मांगने का अधिकार है। यदि किसी को ओटीपी मांगने वाली कॉल या मैसेज आए तो यह उच्च स्तरीय साइबर फिशिंग का हिस्सा हो सकता है, जिसे तुरंत रिपोर्ट करना जरूरी है।

-अधिकारियों ने मतदाताओं को चेतावनी दी है कि एसआइआर केवल voters.eci.gov.in या ceoelection.mp.gov.in पर ही भरें। साइबर कैफे में काम करते समय ऑटो-सेव बंद, ब्राउजर हिस्ट्री और कैश क्लियर, और लॉगआउट करना अनिवार्य बताया गया है।

-किसी भी संदिग्ध गतिविधि, लिंक या कॉल की शिकायत तुरंत www.cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930 पर करने का आग्रह किया गया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट्स के अनुसार ठग अब एडवांस्ड टूल्स से ईसीआइ की सरकारी साइट जैसी हूबहू दिखने वाली क्लोन साइट्स तैयार कर रहे हैं। इन साइट्स पर दर्ज की जानकारी सीधे क्रिमिनल सर्वर पर चली जाती है, जिससे मतदाता का आधार, मोबाइल, बैंकिंग और सोशल प्रोफाइल तक खतरे में आ सकता है। कई मामलों में सॉटवेयर बॉट्स मतदाताओं को वोटर कार्ड निष्क्रिय होने वाला है। एसआइआर तुरंत अपडेट करें जैसे ऑटोमैटिक संदेश भेज सकते हैं। इस संदेश को पढ़ते ही लोग परेशान होकर लिंक ओपन कर सकते हैं या अपना डेटा फ्रॉड के हाथ में दे सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

-एसआइआर प्रक्रिया पुरी तरह नि:शुल्क है।

-एसआइआर के लिए आए कोई भी संदेश और कॉल धोखाधड़ी है।

-वाट्सऐप या सोशल मीडिया पर मिले लिंक ओपन न करें।

-सरकारी जैसी दिखने वाली क्लोन साइट्स भेज कर सकते हैं।