
अस्पताल में भर्ती बच्ची की कुशलक्षेम पूछते जिला कलक्टर। फोटो-पत्रिका
राजस्थान के उदयपुर के लसाड़िया क्षेत्र के आरणिया ग्राम पंचायत के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डाई खेड़ा में मंगलवार को मिड डे मील में छिपकली गिरने से करीब 40 बच्चों की तबीयत खराब हो गई। उल्टी, जी घबराना, चक्कर आने की शिकायत पर दो-चार बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लसाड़िया भर्ती करवाया गया। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ कर 40 तक पहुंच गई, जिनका सामुदायिक स्वास्थ्य में उपचार किया गया। बाद में सभी की हालत में सुधार होने से अस्पताल से छु़ट्टी दे दी गई।
घटना की जानकारी मिलने पर पर डाई खेड़ा गांव के सभी ग्रामीण स्कूल में एकत्र हो गए। सूचना पर उपखंड अधिकारी धर्मेंद्र वर्मा, कूण थाना अधिकारी निलेश कुमार मीणा मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद जिला शिक्षा अधिकारी महेश चंद्र आमेटा भी विद्यालय पहुंच और घटना की जानकारी ली।
लसाड़िया सीएचसी में भर्ती बच्चों की स्थिति जानने के लिए जिला कलक्टर अवधेश मीना, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजलक्ष्मी गहलोत, पूर्व प्रदेश मंत्री कन्हैयालाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी आमेटा, उपखंड अधिकारी धर्मेंद्र वर्मा, तहसीलदार रामजीलाल गुर्जर, उपप्रधान धनराज पटेल, मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह झाला, गौतम लाल मीणा लसाड़िया थानाधिकारी हर्षराज सिंह शक्तावत लसाड़िया सीएचसी पहुंचे।
बच्चों से बातचीत कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया गया। जिला कलक्टर मीना ने डीइओ आमेटा से इस घटना की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। बाद में एडीएम गहलोत, पूर्व प्रदेश मंत्री मीणा, डीईओ आमेटा डाईखेडा गांव पहुंचे।
ग्रामीणों व बच्चों व शिक्षकों को अलग-अलग बुलाकर घटना की जानकारी ली। एसडीएम वर्मा ने बीसीएमओ डॉ सिंटू कुमावत को मेडिकल टीम डाईखेडा स्कूल में भेज कर स्क्रीनिंग करवाने के निर्देश दिए है। मौके पर दो आरणि व धावडी सीएचओ को भेज कर सभी विद्यार्थियों की जांच करवाई।
जब खाना परोस रहे थे तब दाल लेते समय चम्मच में जीविका व डूंगाराम को छिपकली दिखाई दी। बच्चों ने शिक्षकों को नहीं बता कर खाना फेंक दिया। इधर, शिक्षकों का कहना है कि दाल में छिपकली होने की जानकारी मिली तो खाना फेंक देने को बोला था। हैरत की बात यह है कि शिक्षकों ने इतनी बड़ी लापरवाही होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
जब घटना की जानकारी लेने अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजलक्ष्मी गहलोत डाईखेड़ा स्कूल पहुंची तो ग्रामीणों ने शिक्षकों की शिकायत कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि कक्षा 8 के छात्रों को भी पढ़ना लिखना नहीं आता। इस पर एडीएम ने जिला शिक्षा अधिकारी, एसडीएम, सीबीईओ को लगातार विद्यालय निरीक्षण करने व सत्यापन करवाने को कहा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर गहलोत ने डाई खेड़ा में बच्चों का उपचार कर रहे मेडिकल टीम के सीएचओ को निर्देशित किया कि वह दो से तीन दिन तक सभी बच्चों का फॉलो करें और जांच करें। साथ ही कोई शिकायत आने पर तुरंत लसाड़िया सीएचसी लेकर उपचार करवाए। साथ ही उच्च अधिकारी को जानकारी देने के लिए निर्देशित किया।
जिला कलेक्टर अवधेश मीना ने जांच कमेटी बनाकर तीन दिन में जांच करवाकर कार्रवाई के निर्देश दिए। डीईओ आमेटा ने लसाड़िया उपखंड अधिकारी वर्मा की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया, जिसमें खाद्य सुरक्षा अधिकारी घनश्याम सिंह, सीबीईओ लसाड़िया पवन कुमार रावल को सदस्य बनाया। यह टीम तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट जिला कलेक्टर को पेश करेगी।
डाईखेड़ा विद्यालय में खाने में छिपकली की घटना को लेकर जिला कलक्टर व एसडीएम ने चिकित्सा विभाग को अवगत कराया। सलूंबर सीएमएचओ कार्यालय से सीएमएचओ व खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्कूल पहुंचे व खाद्य सामग्री के सैंपल लिए। सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार व खाद्य सुरक्षा अधिकारी घनश्याम सौलंकी ने स्कूल पहुंच कर खाने का सेंपल लिया। साथ ही सभी ही राशन सामग्री के सेंपल लिए।
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स्कूल के विद्यार्थियों दुर्गा कुमारी, ललिता, धनराज, विमला, सुशीला, कृष्णा, गोती, प्रियंका, मांगीलाल, प्रिया, रविना, रेखा, धूलचंद, खेमराज, शंकर लाल, गणेश, शिव सूरज, अनिल, गीता, अन्नु, लक्ष्मी, चम्पा, रेखा, दुर्गा, केशुलाल, किशन लाल, सुरेश, भेरूलाल, मांगीलाल, हीना, रेखा कुमारी, भगवान लाल, अनिल कुमार, विक्रम, कमलेश, कुसिया, गंगा कुमारी, टीपु कुमारी, सुगना कुमारी को उल्टी, जी घबराना, पेट दर्द, चक्कर आने की शिकायत पर लसाड़िया सीएचसी में भर्ती कराया गया, जिन्हें उपचार के बाद शाम को छुट्टी दे दी गई।
Published on:
16 Sept 2025 08:45 pm
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