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कृषि उद्यान उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के नवाबगंज क्षेत्र में स्थित हैं। बहुत सावधानी से यहां वनस्पति प्रजातियों की एक किस्म की खेती भी की जाती है। यहां बगीचे को बहुत खूबसूरती से सजाया गया है और छायादार धनुर्धारियों और रंगीन फूलों से परिष्कृत भी किया गया है जिससे यह एक शांत अभयारण्य बना रहा है। कानपुर कृषि उद्यान से सभी प्यार करते हैं पेड़ों व पत्थरों पर उनके वैज्ञानिक नाम और प्रसांगिक विवरण लिखे जाते हैं और वनस्पति उद्यान में कुछ लुप्त प्राय किस्मों को भी परिष्कृत रख रखाव की आवश्यकता होती है। यह शहर कम नमी और गर्म हवाओं से उखाड़ उबरने का अनुभव करता है जो पौधों के विकास के लिए प्रतिकूल हैं। इस प्रकार, पौधों को क्षति से बचने के लिए लगातार निगरानी की आवश्यकता होती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) का कानपुर अध्याय भी दिसंबर 1959 में कृषि गार्डन में हारकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान के कैंटीन बिल्डिंग के एक कमरे में शुरू किया गया था।

बेमौसम बारिश में धान को नुकसान, सरसों का बीज और खाद बर्बाद, रबी की बोवनी प्रभावित

समाचार

बेमौसम बारिश में धान को नुकसान, सर्वे अंतिम चरण में, सरसों का बीज और खाद बर्बाद, सर्वे रिपोर्ट राज्य शासन को जाएगी, रबी की बोवनी प्रभावित

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Rich Farmer in Bihar

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फसलों पर दवाई का छिड़काव कर सालाना पांच लाख कमा रहीं ड्रोन दीदी

बालोद

कृषि प्रधान बालोद जिले की पहली ड्रोन दीदी बघमरा निवासी रेखा साहू खुद आत्मनिर्भर हुईं। साथ ही अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाकर कुछ कर गुजरने के लिए उनके सपनों को उड़ान दे रही हैं।

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मुरैना में प्राइवेट दुकानों पर ब्लैक में बिक रहा खाद, सरकारी केन्द्रों पर लंबी लाइन

मुरैना

मुरैना