
15 साल पुरानी बसें होगी बंद
टीकमगढ़ जिले में कई सालों से यात्रियों को सुरक्षा के खतरे वाली खस्ताहाल बसों में सफ र करना पड़ रहा है क्योंकि फिटनेस जांच और स्थायी परमिट न होने से बस संचालक मनमानी कर रहे है। यात्री सुरक्षा के मद्देनजर, सरकार ने 15 साल से पुरानी बसों के परमिट रद्द कर उन्हें जब्त करने का आदेश दिया है।
परिवहन विभाग के अनुसार जिले की सडक़ों पर अभी भी 15 वर्ष से अधिक पुरानी करीब ७ बसें लगातार संचालित हो रही है। जिनकी स्थिति अत्यंत खराब है। अब विभाग की नई व्यवस्था के तहत ऐसी सभी बसों के परमिट निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है। सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र में संचालित की जांच की जाएगी और यात्रियों के जोखिम भरे सफर से मुक्त किया जाएगा। ऐसे में पाटी सहित कई रूटों से खटारा बसे गायब हो सकती है। ऐसी तैयारियां परिवहन विभाग ने पूरी कर ली है।
जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड से झांसी, ग्वालियर, दिल्ली, छतरपुर, जबलपुर, दमोह, सागर, छिंडवाड़ा, नरसिंहपुर, भोपाल और इंदौर के गुना, अशोकनगर और जिले के ग्रामीण क्षेत्र में २०५ बसों से अधिक रोजाना विभिन्न मार्गों पर संचालित होती है। इनमें से एक बड़ी संख्या ऐसी बसों की है, जिन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं मिल पाता। लंबे समय से बस संचालक थोड़ी बुहुत मरम्मत के बाद इन वाहनों को फि र से सडक़ पर दौड़ा देते है। जिससे यात्रियों की सुरक्षा हमेशा जोखिम में रहती थी। अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि वाहन की उम्र 15 वर्ष पूरी होते ही बसों को अमान्य माना जाएगा।
सडक़ पर दौडऩे वाली निजी यात्री बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग ने पैनिक बटन और ट्रैंनिग सिस्टम लगाए थे। मॉनिटरिंग के अभाव में यह सिस्टम शोपीस बनकर रह गया है। अधिकतर यात्री बसों के ड्राइवरों को यह मालूम नहीं कि पैनिक बटन क्या है।
टीकमगढ़ से छतरपुर, झांसी से टीकमगढ़ और सागर जाने वाली यात्री बसों की जांच हो जाए तो उसी दिन यात्रियों की सुरक्षा की पोल खुल जाएगी। लेकिन यहां पर कोई स्थाई आरटीओ नहीं है। दो सप्ताह या फिर तीन सप्ताह में परिवहन अधिकारी आते और अस्किमक जांच में चालान कर देते है, लेकिन सुधार नहीं है।
बताया कि यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाली यात्री बसें सबसे ग्रामीण रूटों पर संचालित हो रही है। जिसमें टीकमगढ़ से दिगौड़ा, लिधौरा, लिधौरा से जतारा, चंदेरा और जतारा से पलेरा, खरगापुर और बल्देवगढ़ से बुडेरा होते हुए बड़ागांव धसान की सडक़ों पर फर्राटा मार रही है। यहां तक गोर, मोहनगढ़ और जेरोन तक जर्जर बसों का संचालन लगातार बढ़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि इन बसों की हालत बेहद खराब है और यात्रा के दौरान बच्चों व महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद इन रूटों पर भी परिवर्तन देखने को मिलेगा।
१५५ बस मालिकों को नोटिस दिए गए है। जिन बसों ने १५ साल पूरे कर लिए है, उनका परमिट दूसरी बस को दिया जाएगा। १५ साल से अधिक वाली बसों को साल दिन के स्पेशल परमिट पर पार्टियों में चला सकते है। परमिट के कई प्रकार होते है। जो सागर संभाग और ग्वालियर संभाग से जारी होंगे। पुरानी बसों की जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
01 Dec 2025 05:44 pm
Published on:
01 Dec 2025 05:43 pm
बड़ी खबरें
View Allटीकमगढ़
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
