4 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टीकमगढ़ मूंगफली के लिए बनेगा एक जिला एक उत्पाद, जिला प्रशासन शासन को भेजेंगा प्रस्ताव

टीकमगढ़ जिले में कुछ सालों से मूंगफली की खेती का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसकी उपज भी मंडियों में दिखाई देने लगी है। मूंगफली को एक जिला एक उत्पाद में जोडऩे के लिए कलेक्टर ने कृषि विभाग और उद्योग विभाग को निर्देशित किया है। इसका प्रस्ताव जिला प्रशासन शासन स्तर पर भेजेंगा। स्वीकृति के बाद […]

2 min read
Google source verification
पांच साल पहले निवाड़ी बन गया था अदरक के लिए एक जिला एक उत्पाद, नहीं लगती है मंडी

पांच साल पहले निवाड़ी बन गया था अदरक के लिए एक जिला एक उत्पाद, नहीं लगती है मंडी

टीकमगढ़ जिले में कुछ सालों से मूंगफली की खेती का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसकी उपज भी मंडियों में दिखाई देने लगी है। मूंगफली को एक जिला एक उत्पाद में जोडऩे के लिए कलेक्टर ने कृषि विभाग और उद्योग विभाग को निर्देशित किया है। इसका प्रस्ताव जिला प्रशासन शासन स्तर पर भेजेंगा। स्वीकृति के बाद जिले के किसानों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध होगी।

कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने टीएल बैठक में कहा कि कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग को संबंधित योजनाओं की प्रगति की मांगी है। उन्होंने कहा कि योजनाओं का कहा लाभ लेने के बाद बंद औद्योगिक इकाईयों की जांच की जाए। साथ ही संचालकों को नोटिस जारी किए जाए। इसके अलावा एनआरएलएम से कहा कि लखपति दीदी योजना में पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाएं।

निवाड़ी अदरक के लिए बना था एक जिला एक उत्पाद, अफसरों ने नहीं ली रुचि

निवाड़ी जिले को एक जिला एक उत्पाद में अदरक के लिए वर्ष 2019-20 में चयन किया गया था। वर्ष 2022 में निवाड़ी और पृथ्वीपुर में अदरक की मंडी खोली गई थी। उसकी खरीद के लिए 24 व्यापारियों और 7 स्व सहायता समूहों को लाइसेंस दिए गए थे। इनके द्वारा सोंठ पाउडर और सोंठ और अन्य प्रोडक्ट के लिए उप्र और मप्र के महानगरों के साथ जिलों में भेजा जाता था। लेकिन वर्ष 2022 के बाद अदरक की मंडी नहीं लगाई गई है। ये कहें कि अफसरों ने चाय का जायका बनाने वाले अदरक में रुचि ही नहीं दिखाई। जिसके कारण किसानों को अदरक उप्र के बरुआ सागर की मंडी में औने पौने दामों में बेच रहे रहे।

उप्र और महानगरों से आने लगी थी डिमांड

पृथ्वीपुर और टीकमगढ़ के किसानों ने बताया कि पृथ्वीपुर ब्लॉक में सबसे अधिक अदरक की खेती होती है। यहां के किसान उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, झांसी, बरुआ सागर के साथ अन्य और मध्यप्रदेश के जबलपुर, भोपाल, इंदौर और गुजरात के साथ अन्य प्रदेशों में बेचा जाता है। अदरक से सोंठ पाउडर के साथ अन्य प्रोडक्ट बनाए जाते है।

यह दिए गए थे अदरक खरीदने के लाइसेंस

जिले में २४ अदरक खरीदने के लिए लाइसेंस वितरण किए गए थे। ७ महिला स्व सहायता समूहों को लाइसेंस दिए गए थे, जिससे वह आत्म निर्भर बन सके। टीकमगढ़ जिले में ५०० और निवाड़ी जिले में ५००० से अधिक किसान दर्ज थे।, लेकिन अब विभागीय अफसरों ने ध्यान नहीं दिया।

किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए शासन की अच्छी योजना थी, लेकिन बैरायटियां, नया बीज उपलब्ध नहीं हो पाया। अदरक की खेती में फंगस बीमारी लगने लगी थी। इस कारण से उपज नहीं है। अब अदरक की मंडी का लगना बंद हो गया है।

अरूण कुमार पटेल, सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग निवाड़ी।