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शिक्षा विभाग में क्या हो रहा? आदेश देने के महीनों बाद भी अधिकारियों की नहीं हुई जांच, प्रमोशन भी कर दिया….

MP News: शिक्षा विभाग में कथित फर्जी भुगतान की जांच सात माह से गायब है, जबकि आरोपी बीईओ को प्रमोशन मिलते रहे। विभागीय कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हैं।

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Education Department fraudulent payments scam beo promotion mp news

fraudulent payments scam in niwari Education Department (फोटो- सोशल मीडिया)

Fraudulent Payments Scam:निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर विकासखंड के शास्त्री उच्चतर माध्यमिक वि‌द्यालय में नियम विरुद्ध तरीके से किए गए 15.85 करोड़ के भुगतान के मामले में लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of Public Instruction) के आयुक्त ने तत्कालीन बीईओ (BEO) निवाड़ी आरडी वर्मा एवं तत्कालीन बीईओ पृथ्वीपुर एनसी तिवारी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए थे। लेकिन सात माह बाद भी इस जांच का कुछ पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि इसे भी विभाग ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। (mp news)

जांच भी नहीं की और प्रमोशन भी कर दिया

आलम यह है कि इस फर्जीवाड़े में शामिल तत्कालीन निवाड़ी बीईओ को दो बार जिला शिक्षाधिकारी का भी प्रभार सौंपा जा चुका है। ऐसे में लोग विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे है। 15.88 करोड़ रुपए के अनियमित भुगतान के मामले में हुई प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर आयुक्त ने 28 अप्रेल को आदेश जारी कर इस लापरवाही के लिए तत्कालीन निवाड़ी बीईओ आरडी वर्मा एवं पृथ्वीपुर बीईओ रहे एनसी तिवारी से वसूली करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की कार्रवाई प्रस्तावित करते हुए इनका जवाब मांगा गया था।

इनके ‌द्वारा दिया गया जवाब समाधानपरक न होने पर विभाग ने इस मामले की विस्तृत जांच के लिए विभागीय जांच की अनुसंशा की थी। यह जांच संयुक्त संचालक सागर एवं बीईओ पृथ्वीपुर डीडी दुबे को करनी थी। इन लोगों को एक माह के अंदर जांच कर प्रतिवेदन देने को कहा गया था, लेकिन इस जांच का क्या हुआ आज तक पता नहीं चला।

फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों की विभाग में पकड़

इस मामले में विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी ही यह समझ नहीं पा रहे है कि इतने गंभीर आरोप के बाद भी विभाग के इस प्रकार के आदेश क्या नासमझी से निकाले गए है या फिर मौन स्वीकृति के साथ यह सब होने दिया गया है। बताया जा रहा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह की पकड़ विभाग में इतनी मजबूत थी कि वह सब कुछ कराने में समर्थ थे। वहीं सात माह बाद भी विभागीय जांच के परिणाम सामने न आने पर लोग अब भी सवाल खड़े कर रहे है।

इस मामले की जानकारी करके बतात हूं- संयुक्त संचालक

इस मामले में सागर के नवागत संयुक्त संचालक एसपी सिंह बिसेन का कहना है कि उन्होंने अभी पद संभाला है और इस पूरे मामले को देखने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

ये है पूरा मामला

वर्ष 2018 से 24 तक किए गए अनियमित भुगतान में दोषी पाए गए निवाड़ी बीईओ रहे आरडी वर्मा पर कार्रवाई होना तो दूर विभाग उन्हें पुरस्कृत करता दिखाई दिया है। विभाग द्वारा सितंबर 2022 में उत्कृष्ट वि‌द्यालय के साथ ही उन्हें बीईओ का प्रभार दे दिया गया। इसके बाद वह दो बार जिला शिक्षाधिकारी भी रहे है। अंतिम बार तो विभागीय जांच के दौरान ही उन्हें 24 दिसंबर 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया था।

वहीं इस मामले के तूल पकड़ने के बाद एवं मामला न्यायालय में पहुंचने पर 9 जनवरी 2025 को उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। वहीं कानूनी प्रक्रिया के आधार पर वह फिर से 11 फरवरी 2025 को डीईओ बने और 1 अप्रैल 2025 तक काम करते रहे। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर इन्हें फिर से हटाया गया। वर्तमान में यह उत्कृष्ट वि‌द्यालय के प्राचार्य पद पर है। (mp news)