
फोटो- एआई जनरेटेड
MP News: मध्यप्रदेश के सतना जिला अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए भर्ती गर्भवती महिला उमा गौतम के प्रसव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। महिला की डिलीवरी तिथि 12 नवंबर थी, लेकिन प्रसव पीड़ा शुरु नहीं होने से परिजनों को 18 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद महिला चार दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही। शुक्रवार को सुबह गर्भ में ही शिशु की धड़कन बंद हो गई। जिसके बाद सीजेरियन किया गया।
इधर, परिजनों के द्वारा अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। जिसमें निर्धारित डेट निकलने के बाद भी डॉक्टरों ने समय पर जांच नहीं की। जिसके चलते शिशु की धड़कन बंद हो गई। 20 नवंबर की सुबह 11.25 बजे बहौरी निवासी उमा को लेबर रूम में प्रसव पीड़ा बढ़ाने की दवा दी गई थी। इस प्रक्रिया के बाद हर चार घंटे में फॉलोअप लेना जरूरी होता है।
दोपहर 3 बजे महिला की जांच की गई, लेकिन इसके बाद मेडिकल फाइल में दर्ज कर दिया गया कि महिला फॉलोअप के लिए नहीं मिली। रात 11 बजे फिर जांच हुई, पर रात से सुबह के बीच आवश्यक फॉलोअप नहीं हो पाया। 21 नवंबर की सुबह 8.30 बजे जब डॉ. शिवानी ने महिला की जांच की तो बच्चे की धडकऩ नहीं मिल रही थी। स्थिति को गंभीर देखते हुए डॉ. सुभाषिनी ने सोनोग्राफी कराई, जिसमें गर्भ में ही बच्ची की मौत की पुष्टि हुई।
इस पूरे मामले पर परिजनों का कहना था कि जब हमने भर्ती कराया था तब बच्चे की धडकऩ चल रही थी, अस्पताल की लापरवाही से ही शिशु मरा है। हम मृत बच्ची को नहीं लेंगे। लगभग एक घंटे तक हंगामे के बाद डॉक्टरों ने पूरी स्थिति समझाई, जिसके बाद परिजन शांत हुए। प्रसूता की स्थिति फिलहाल सामान्य बताई जा रही है।
सोनोग्राफी में बच्ची का वजन 4.1 किलोग्राम पाया गया। शिशु का आकार बड़ा होने के बावजूद नार्मल डिलीवरी की कोशिश की जा रही थी लेकिन तीन बाद भी नार्मल डिलेवरी नहीं हुई। शुक्रवार को जब स्थिति बिगड़ी तो सीजर किया गया। ऑपरेशन के दौरान मृत बच्ची को बाहर निकाला गया।
Updated on:
22 Nov 2025 01:52 pm
Published on:
22 Nov 2025 01:51 pm
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