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World AIDS Day 2025: एमपी के सतना जिले में एचआइवी संक्रमण ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। 6 आइसीटीसी केंद्रों में हर साल हजारों महिलाओं व पुरुषों की जांच की जाती है, लेकिन बीते चार साल के आंकड़े संक्रमण की तेजी से बढ़ती चुनौती को साफ दिखा रहे हैं। वर्ष 2022 में जहां 65 मरीज पॉजिटिव मिले थे, वहीं 2023 में यह संख्या उछलकर 127 पहुंच गई। वर्ष 2024 में 152 मामले सामने आए, जबकि 2025 में अब तक 137 रिपोर्ट पॉजटिव आ चुकी हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जांच का दायरा बढ़ने से संक्रमण के अधिक मामले पकड़ में आ रहे हैं।
साल 2002 से अभी की स्थिति के आकड़ों पर गौर करें तो तकरीबन 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाएं एचआइवी संक्रमण की चपेट में हैं। अभी तक में 703 पुरुष एचआइवी से ग्रसित है, जबकि महिलाओं की संख्या भी 497 तक पहुंच गई है। बड़ी बात तो यह है कि इनमें से 94 महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान एचआइवी की पुष्टि हुई है।
एक ही घर में तीन जिंदगी पर संकट
मजदूरी कर अपना घर चलाने वाली एक गरीब परिवार की जिंदगी अचानक गहरी चोट में बदल गई। पति-पत्नी और उनका पांच साल का मासूम बेटा तीनों पॉजिटिव हैं। बीमारी कैसे आई, यह आज तक परिवार नहीं जान पाया। पत्नी की तबियत लंबे समय से बिगड़ रही थी, जांच हुई तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। फिर पति की जांच हुई वह भी पॉजिटिव। दोनों से एक बच्चा भी है, वह भी इस संक्रमण की चपेट में है। गरीबी, अनजान डर और समाज का सामना यह परिवार हर दिन कई जंग लड़ रहा है।
रिपोर्ट पॉजिटिव सुनकर टूटा घर, काउंसलिंग ने बचाया रिश्ता
मजदूरी करने वाला एक युवक शादी के पांच साल बाद जब बीमार पड़ा, तो जांच में पॉजिटिव निकला। रिपोर्ट की खबर उसके घर पहुंची तो पहले पत्नी ने ही साथ रहने से इंकार कर दिया। पति-पत्नी के रिश्ते के बीच डर, गुस्सा और अविश्वास की दीवार खड़ी हो गई।
आखिरकार युवक अपने जीजा के साथ जिला अस्पताल पहुंचा, स्थिति बताई तो काउंसलर ने पत्नी को बुलवाया। काउंसलर ने पत्नी को समझाया कि बीमारी किसी एक गलती से नहीं, कई कारणों से भी हो सकती है। लंबी काउंसलिंग के बाद पत्नी का डर थोड़ा कम हुआ। उसने पति का हाथ फिर से पकड़ने का फैसला लिया।
माता-पिता संक्रमित नहीं, इधर कम उम्र के युवक चपेट में
सतना में एचआइवी संक्रमण अब उम्र की सीमाएं तोड़ चुका है। कुछ बच्चे भी हैं, जिन्हे माता-पिता से यह बीमारी मिली है। लेकिन कुछ ऐसे युवक भी है जिनके परिवार में किसी सदस्य को एचआइवी नहीं है। 5 ऐसे युवक भी सामने आए हैं, जिनकी उम्र मात्र 18 से 20 वर्ष है और वे अभी कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
कम उम्र में संक्रमण की गिरत में आना विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। वहीं दूसरी ओर 60-70 वर्ष के बुजुर्ग मरीज का शामिल होना यह बताता है कि खतरा युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक समान रूप से मौजूद है।
जिले में 2002 से आईसीटीसी सेंटर सतना और मैहर में जांच की शुरु की गई। 2021 तक की स्थिति में सतना में 319, मैहर में 190 में एचआईवी की पुष्टि हुई। इसके बाद वर्ष 2022 में 4 आईसीसीटी सेंटर बढ़ाए गए। आज तक की स्थिति में सतना सेंटर में 848, मैहर में 244, नागौद में 24, अमरपाटन में 28, रामपुर बाघेलान में 16, मझगवां में 40 लोगों की जांच में संक्रमण पाया गया।
एचआईवी की जांच अधिक होने के कारण पॉजटिव की संया में इजाफा देखने को मिल रहा है। पहले दो जगह की जांच होती थी, अब तो तीन-चार साल से 6 सेंटर में जांच होती है। पॉजटिव आने के बाद नियमित दवाईयों का सेवन करने से संक्रमित व्यक्ति का सामान्य जीवन चल सकता है। - नीरज सिंह तिवारी, नोडल आईसीटीसी सतना
Published on:
01 Dec 2025 03:52 pm
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