अगर आप सेकंड हैंड कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और बजट 5 से 7 लाख रुपये है तो 22 सितंबर के बाद कारों की कीमतें और आकर्षक होने वाली हैं। नई कारें 8.5 से 12% तक सस्ती मिलेंगी और पुरानी कारों पर भी अच्छे-खासे मोलभाव की गुंजाइश रहेगी। क्योंकि सरकार ने कार खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए छोटी और मिड-साइज कारों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। इसका सीधा असर Preowned Car Bazar पर भी पड़ेगा। जानकार बताते हैं कि 5 से 10 लाख रुपये वाली पुरानी कारें भी सस्ती होजाएंगी। त्योहारों के मौसम में ग्राहकों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है।
नई गाड़ियां सस्ती होने से Preowned Car Market में भी हलचल तेज होगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब नई कार का दाम कम होता है तो उसी हिसाब से पुरानी गाड़ियों की कीमत भी नीचे आती हैं। अनुमान है कि आने वाले हफ्तों में सेकंड-हैंड कारों के भाव 50 हजार से 1-1.20 लाख रुपये तक गिर सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि गाड़ी कौन-सी कैटेगरी और किस कंडिशन में है।
Crisil के मुताबिक भारत में सेकंड हैंड कारों का बाजार करीब 4 लाख करोड़ रुपये का है। हर साल लगभग 55 से 60 लाख पुरानी गाड़ियां बिकती हैं। अभी ऑटो बाजार की स्थिति यह है कि हर 1 नई कार के मुकाबले लगभग 1.5 पुरानी कारें बिक रही हैं। यानी इस समय नई कारों की बिक्री के मुकाबले पुरानी कारों की बिक्री का अनुपात लगभग 1.5 गुना है। Preowned Car Market नई कारों से भी बड़ा हो चुका है।
सेगमेंट | लोकप्रिय मॉडल | 3 से 5 साल पुरानी कार की औसत कीमत (लाख रुपये में) | कितनी आ सकती है गिरावट |
Small Car | Swift, Grand i10 Nios | 4.5 से 6.0 | 40 से 50 हजार |
SUV | Creta, Scorpio | 8.0 से 12.0 | 70 हजार से 1 लाख |
Sedan | Honda City, Verna | 7.0 से 10.5 | 70 हजार से 1 लाख |
MPV | Ertiga, Innova Crysta | 9.0 से 15.0 | 80 हजार से 1.2 लाख |
SIAM के मुताबिक बीते 5 साल में नई गाड़ियों का औसत दाम (Average Selling Price) लगभग 50% बढ़ चुका है। 2018–19 में जहां औसत कीमत 7.65 लाख रुपये थी, वहीं 2023–24 में यह 11.5 लाख रुपये पर पहुंच गई। रेगुलेटरी स्टैंडर्ड और कच्चे माल की लागत बढ़ने की वजह से नई कारें लगातार महंगी हुई हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में खरीदार Preowned Car Market की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।
ऑटो एक्सपर्ट मानते हैं कि शॉर्ट टर्म में पुरानी गाड़ियों के दाम गिरेंगे, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह बदलाव बाजार को और सक्रिय करेगा। नई कारें सस्ती होंगी तो अपग्रेड तेज होंगे और इससे Preowned Car Market में सप्लाई बढ़ेगी।
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Updated on:
05 Sept 2025 06:03 pm
Published on:
05 Sept 2025 02:18 pm