
सोनागाछी की महिलाओं को SIR से लग रहा डर (Photo-IANS)
Bengal SIR: देश के 9 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में SIR का अभियान चल रहा है। इसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर एसआईआर को लेकर सीएम ममता बनर्जी चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। वहीं प्रदेश के सोनागाछी में सेक्स वर्कर्स को एसआईआर से डर लग रहा है। उन्हें डर है कि कहीं उनका नाम वोटर लिस्ट से कट ना जाए।
दरअसल, वोटर कार्ड उन महिलाओं के लिए एक कीमती पहचान का कागजात है। कैंपों में आई महिला का कहना है कि 18 साल पहले उन्हें पहली बार वोटर लिस्ट में इसलिए जोड़ा गया था क्योंकि उनके पास स्थानीय कोऑपरेटिव बैंक में खाते और उसकी पासबुक थीं। लेकिन अब SIR इन दस्तावेज़ों को मान्यता नहीं देता। इसी वजह से वोटर सूची से नाम हट जाने का डर है।
कैंपों में आई महिलाएं बताती हैं कि कई लोग – खासकर ‘नेपाली बाड़ी’ और ‘बांग्लादेशी बाड़ी’ नाम के कोठों में रहने वाली – डर की वजह से पहले ही वहां से जा चुकी हैं। उन्हें डर था कि उन्हें अलग करके “डिपोर्ट” किया जा सकता है।
एक 35 साल की महिला, जो कैंप में लगी लाइन में खड़ी थी, बताती है कि SIR में पुराने वोटर लिस्ट से पारिवारिक लिंक साबित करने का विकल्प अब उनके लिए बंद हो गया है। वह कहती है, “मुझे 16 साल की उम्र में तस्करी कर यहां लाया गया था। जब मैं वापस परिवार के पास गई तो उन्होंने मुझे अपनाने से इनकार कर दिया… अब वे मेरी मदद नहीं करेंगे।” उसने कहा कि उसकी एक बेटी है, जो एक एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे हॉस्टल में रहती है।
दरअसल, इस महिला को डर है कि कहीं SIR के बाद उसका वोटर लिस्ट से नाम कट जाए। हालांकि महिला को अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि वे कुछ न कुछ मदद करेंगे।
एक 30 साल की सेक्स वर्कर ने बताया कि कुछ साल पहले उसका वोटर कार्ड रद्द हो गया था और वह दोबारा बनवाने की कोशिश कर रही है। उसने कहा, “मैंने 2016 में वोट डाला था। लेकिन 2021 में पता चला कि मेरा कार्ड किसी तरह रद्द हो गया है, जब सुना कि नया कैंप लगा है, तो मैं तुरंत यहां पहुंची।”
Published on:
10 Dec 2025 06:39 pm
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