
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Photo-IANS)
India Bloc: जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) की हालिया टिप्पणी से भारतीय राजनीति में उबाल आ गया है। उन्होंने इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) की "जीवन रक्षक प्रणाली (Life Support System)" से तुलना करते हुए कहा कि यह गठबंधन किसी आईसीयू से कम नहीं है, जो समय-समय पर उभरता है, लेकिन कुछ राजनीतिक चुनौतियों का सामना करता है। उन्होंने एक मीडिया हाउस की ओर से आयोजित लीडरशिप समिट में यह टिप्पणी की, जहां उन्होंने राजनीतिक गठबंधनों और उनके संघर्षों के बारे में खुल कर बात की।
अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन को राजनीति में जिंदा रखने के लिए हर समय एक झटके या कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बिहार में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में कभी-कभी गठबंधन को पुनर्जीवित करने के लिए "आईसीयू" का सहारा लेना पड़ता है। उमर ने विशेष रूप से नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने और झारखंड मुक्ति मोर्चा को गठबंधन से बाहर रखने पर चिंता जताई।
उमर अब्दुल्ला की इस टिप्पणी पर राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन पर सवाल दाग दिया, "अगर गठबंधन को जीवन रक्षक प्रणाली की जरूरत है, तो उमर भी उसी का हिस्सा हैं। क्या उन्होंने इसे पुनर्जीवित करने के लिए कोई कदम उठाए हैं?" झा ने यह भी कहा कि गठबंधन की जिम्मेदारी सिर्फ आलोचनाओं और ताने मारने से नहीं निभाई जा सकती। यह सभी गठबंधन के सदस्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है।
मनोज झा का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि राजनीति में आपसी सहयोग और जिम्मेदारी की भावना महत्वपूर्ण है, न कि सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक टिप्पणी करते वक्त तथ्यों और परिस्थितियों को समझ कर बयान देना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला की "जीवन रक्षक प्रणाली" वाली टिप्पणी पर भाजपा ने चुटीला रिएक्शन दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह टिप्पणी विपक्षी दलों के बीच की अनबन और असहमति साफ तौर पर दर्शाती है। भाजपा के प्रवक्ताओं ने उमर की टिप्पणी पर यह आरोप भी लगाया कि वे गठबंधन की कमजोरियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि विपक्षी गठबंधन अपने अंदर के बिखराव और असहमतियों को स्वीकार करने के बजाय एक-दूसरे पर आरोप लगा रहा है।
उमर अब्दुल्ला की यह टिप्पणी इस बात की प्रतीक है कि विपक्षी गठबंधन "इंडिया ब्लॉक" के अंदर असहमति और मतभेद लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि, उमर की टिप्पणी में इस गठबंधन के संघर्षों और मुश्किलों का भी जिक्र था, मगर इसके बावजूद सवाल उठते हैं कि इस तरह की स्थिति में गठबंधन को स्थिरता कैसे मिल सकती है। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि विपक्ष को खुद को एकजुट रखने के लिए पारस्परिक समझ और सहयोग की आवश्यकता है, जो फिलहाल साफ तौर पर दिखाई नहीं दे रही है।
जैसा उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा था, इंडिया ब्लॉक के भीतर हमेशा उथल-पुथल बनी रहती है, और गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जाते रहते हैं। अब्दुल्ला का यह बयान विपक्षी गठबंधन की ओर से सुधार की आवश्यकता बताता है, लेकिन राजद और भाजपा जैसे दलों की तीखी प्रतिक्रिया इस बात को और भी गंभीर बना देते हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर विपक्षी दलों को अपनी स्थिति मजबूत करना है, तो उन्हें आपसी सामंजस्य और सहयोग को प्राथमिकता देनी होगी।
बहरहाल, उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी ने भारत की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है, जिससे यह साबित होता है कि विपक्षी गठबंधन के भीतर न केवल मतभेद हैं, बल्कि उनकी स्थिरता और भविष्य को लेकर भी गंभीर सवाल उठते हैं। आगामी दिनों में इस पर और चर्चाएं हो सकती हैं, क्योंकि सभी दल इस पर अपने-अपने दृष्टिकोण से अपनी प्रतिक्रियाएं देंगे।
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Published on:
07 Dec 2025 07:47 pm
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