
कहां चले गए पापा… रोती-बिलखती बेटियां पूछ रहीं मां-दादी से ये सवाल | Image Source - Video Grab
BLO sarvesh singh suicide case moradabad: मुरादाबाद में SIR का काम पूरा न होने का तनाव झेल रहे BLO सर्वेश सिंह की आत्महत्या ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। रविवार तड़के लगभग चार बजे परिजनों ने उनका शव फंदे से लटका हुआ देखा। इसके बाद से घर में मातम पसरा है। सबसे ज्यादा पीड़ा देने वाला दृश्य उनकी बेटियों का है, जो अपनी मां और दादी से बार-बार पूछ रही हैं कि पापा कहां चले गए? कब घर आएंगे?’ इन सवालों ने परिवार को भीतर तक हिला दिया है।
सोमवार को सर्वेश सिंह की तीसरी बेटी ने किसी के मोबाइल में वायरल वीडियो देखते ही अपने पिता को रोता हुआ देखा। यह दृश्य देखते ही वह हृदयविदारक तरीके से चीखने लगी। बच्ची को संभालने में मां और दादी की हालत भी खराब हो गई। घर में मौजूद लोग इस नजारे को देखकर खुद को रोने से रोक नहीं पाए।
सर्वेश सिंह की चारों बेटियां तनिष्क, माही, नाइयू और रूही लगातार रो रही हैं। माही और नाइयू ने पिता के बिना खाना खाने से मना कर दिया। स्थिति ऐसी हो गई कि दादी सोमवती और मां बबली ने बच्चों को समझाकर किसी तरह थोड़ा-बहुत भोजन कराया। घर पहुंचने वाला हर व्यक्ति इस दर्द को देखकर आंसू रोक नहीं पा रहा।
जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार बूथ संख्या 406 पर पहले शिक्षक रिंकू की तैनाती थी, लेकिन पारिवारिक समस्या के कारण उन्हें हटा दिया गया। इसके बाद सर्वेश सिंह ने स्वयं लिखित रूप से BLO बनने की इच्छा जताई और उन्हें नियुक्त किया गया। सात अक्टूबर को उन्हें बूथ नंबर 406 का BLO बनाया गया था। SIR का काम पूरा न कर पाने की वजह से वे गंभीर तनाव में थे, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
डीएम अनुज सिंह के निर्देश पर ठाकुरद्वारा की एसडीएम प्रीति सिंह सोमवार को सर्वेश के घर पहुंचीं। उन्होंने पत्नी बबली सिंह को दो लाख रुपये का चेक सौंपा और भरोसा दिलाया कि मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए जिला स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग को आवश्यक दस्तावेज भेजने की तैयारी की जा रही है।
सोमवार को जैसे ही कंपोजिट विद्यालय जाहिदपुर सीकमपुर के बच्चों को पता चला कि उनके प्रिय शिक्षक सर्वेश सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे, तो कई बच्चे रोने लगे। रविवार को अवकाश होने के कारण अधिकतर बच्चों को इसकी जानकारी नहीं थी। जब अन्य शिक्षकों ने यह दर्दनाक खबर सुनाई, तो विद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानाध्यापक मो. तकी और अन्य शिक्षकों ने बच्चों को समझाने की कोशिश की, लेकिन विद्यालय का माहौल देर तक गमगीन रहा।
Updated on:
02 Dec 2025 03:08 pm
Published on:
02 Dec 2025 03:07 pm
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