
इलाज के लिए अस्पतालों में भटकता रहा परिवार, आर्थिक तंगी बनी बड़ी बाधा (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)
UP Crime Acid Attack Survivor Minor Girl Death: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक 16 वर्षीय किशोरी के साथ हुई क्रूरतापूर्ण वारदात ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। सामूहिक दुष्कर्म और जबरन एसिड पिलाए जाने की घटना के एक महीने बाद शुक्रवार तड़के लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में किशोरी की मौत हो गई। गंभीर चोटों और अंदरूनी संक्रमण के बीच लगातार कई अस्पतालों में इलाज के लिए भटकने के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। यह मामला न सिर्फ अपराध की अमानवीयता को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमजोरियों और आर्थिक संकट से जूझते परिवारों की दर्दनाक स्थिति को भी सामने लाता है।
घटना की रात: 28 अक्टूबर को घर में घुसकर हमला
परिवार के अनुसार, 28 अक्टूबर की रात तीन युवकों, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था, ने किशोरी के घर में घुसकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसके साथ बदसलूकी की गई और उसे जबरन एसिड पिलाया गया, जिससे उसके गले, भोजन नली और आंतों को गंभीर नुकसान पहुँचा। हमले के बाद लड़की की हालत तेजी से बिगड़ी और उसे तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सरीला ले जाया गया।
परिवार ने बेटी को बचाने के लिए लगातार अस्पतालों के चक्कर लगाए। यह सिलसिला लगभग एक महीने तक जारी रहा:
1. सरीला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
2. झांसी मेडिकल कॉलेज - 12 दिन इलाज
3. हमीरपुर जिला अस्पताल- स्थिति यथावत
4. कानपुर LLR अस्पताल-15 दिन बनी रही भर्ती
इसके बाद परिजनों ने उसे कानपुर के लाला लाजपत राय (LLR) अस्पताल में भर्ती कराया, जहां करीब 15 दिनों तक इलाज चला। डॉक्टरों के अनुसार लड़की के शरीर में एसिड से हुआ आंतरिक नुकसान काफी गंभीर था और उसके लिए विशेष सर्जरी तथा उन्नत इलाज की जरूरत थी।
5. SGPGI लखनऊ-आर्थिक तंगी बनी बाधा
स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे लखनऊ के SGPGI (संदीपन चिकित्सा संस्थान) में रेफर किया। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि लड़की की जान बचाने के लिए तुरंत एक महंगी सर्जरी की जरूरत है। परिवार से 2 लाख रुपये जमा करने को कहा गया, लेकिन परिवार बेहद गरीब था। इतनी बड़ी रकम जुटा पाना उनके लिए असंभव था। मजबूरी में परिजनों ने लड़की को SGPGI से निकालकर KGMU ले जाने का निर्णय किया।
किशोरी को KGMU के सर्जरी वार्ड में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति अत्यधिक नाजुक है और उसे तत्काल ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत है। इस दौरान जालालपुर थाने के इंस्पेक्टर अजीत सिंह ने मानवता दिखाते हुए अस्पताल स्टाफ की मदद से दो यूनिट रक्त उपलब्ध कराए। गुरुवार रात को ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया, लेकिन तब तक उसकी शारीरिक स्थिति बेहद कमजोर हो चुकी थी।
डॉक्टरों के अनुसार, करीब 1 बजे उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी। तुरंत उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। लेकिन सारी कोशिशों के बावजूद 2 बजे उसने अंतिम सांस ली।
घटना की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ पुलिस की टीम अस्पताल पहुँची। एक इंस्पेक्टर और एक महिला सब-इंस्पेक्टर ने पीड़िता का बयान मृत्यु से कुछ घंटे पहले रिकॉर्ड किया। यह बयान केस की कानूनी प्रक्रिया में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह पूरा मामला कई गंभीर प्रश्न खड़े करता है
1. एक महीने में 5 अस्पताल -फिर भी क्यों नहीं बची जान
गंभीर मरीज को इतने अस्पतालों में इधर-उधर ले जाना उसकी हालत बिगाड़ने का बड़ा कारण बन सकता है। क्या किसी अस्पताल में शुरुआती चरणों में ही उन्नत इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी?
2. आर्थिक स्थिति इलाज में सबसे बड़ी बाधा
SGPGI में 2 लाख रुपये मांगने पर परिवार विवश होकर बेटी को वहां से ले गया। क्या ऐसे मामलों में सरकार या जिला प्रशासन को तत्काल आर्थिक मदद नहीं देनी चाहिए?
3. पीड़िता सुरक्षा के सबसे निचले पायदान पर
घर के अंदर घुसकर नाबालिग लड़की पर हमला कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी प्रश्न उठाता है।
पुलिस ने घटना के बाद तीनों आरोपियों को पकड़ लिया था। इनमें एक नाबालिग है। अब जब पीड़िता की मौत हो गई है, तो आरोपियों पर हत्या (302 IPC) और अन्य गंभीर धाराओं में केस को आगे बढ़ाया जाएगा। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार,मेडिकल रिपोर्ट,पीड़िता का अंतिम बयान,फॉरेंसिक साक्ष्य,परिवार के बयान,इन सबके आधार पर केस और मजबूत हो जाएगा।
हमीरपुर और आसपास के इलाकों में इस घटना को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि लड़की को लगातार अस्पतालों में भटकाया गया और अगर समय पर उच्च स्तरीय इलाज मिल जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि परिवार को आर्थिक सहायता,फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई,आरोपियों को कड़ी सजा,ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं,सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएं। KGMU और SGPGI प्रशासन से संपर्क करने पर बताया गया कि लड़की की हालत वारदात के शुरू से ही अत्यंत गंभीर थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार,जिला प्रशासन पीड़िता के परिवार को आर्थिक सहायता देने और केस की तेज सुनवाई के लिए उच्चाधिकारियों से संपर्क में है।
Published on:
29 Nov 2025 09:59 am
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