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UP Govt Holiday: 27 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह जयंती पर यूपी में रहेगा सार्वजनिक अवकाश, शासन ने जारी किया आदेश

UP Public Holiday List:  उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरु गोविंद सिंह जयंती के अवसर पर 27 दिसंबर 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। मंगलवार को जारी शासनादेश के अनुसार यह अवकाश प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, निगमों और परिषदों में लागू रहेगा। आदेश के बाद विभागों ने कार्यक्रमों का पुनर्निर्धारण शुरू कर दिया है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 02, 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया आधिकारिक आदेश (फोटो सोर्स : cm Whatsapp Group)

उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया आधिकारिक आदेश (फोटो सोर्स : cm Whatsapp Group)

UP Govt Declares Public Holiday on Guru Gobind Singh Jayanti: उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए 27 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। मंगलवार को जारी इस आधिकारिक शासनादेश के बाद प्रदेश भर के सरकारी कार्यालय, निगम, परिषद, स्थानीय निकाय, अधीनस्थ कार्यालय, साथ ही शिक्षण संस्थान उस दिन पूर्णतः बंद रहेंगे। यह निर्णय गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती को श्रद्धा, सम्मान और व्यापक सामाजिक सहभागिता के साथ मनाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गुरु गोविंद सिंह जी सिख समुदाय के दसवें और अंतिम गुरु थे, जिनका जीवन साहस, त्याग, आध्यात्मिकता और धार्मिक स्वतंत्रता के संरक्षण का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश में उनकी जयंती पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या गुरुद्वारों और धार्मिक स्थलों पर जुटती है। ऐसे में प्रदेश सरकार का यह फैसला श्रद्धालुओं को बेहतर रूप से आयोजन करने की सुविधा प्रदान करेगा।

शासनादेश की प्रमुख बातें

मंगलवार को अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि यह अवकाश श्रेणी "सार्वजनिक छुट्टी" में शामिल होगा, जिसका पालन,सभी सरकारी विभाग,आयोग,निगम,परिषद,राज्य सरकार के अधीन सभी कार्यालय,राज्य संचालित सभी शैक्षणिक संस्थान,द्वारा समान रूप से किया जाएगा। शासनादेश के जारी होते ही सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वे 27 दिसंबर की तिथि पर निर्धारित किसी भी सरकारी कार्यक्रम, बैठक या जनसुनवाई को पुनः शेड्यूल कर लें।

गुरु गोविंद सिंह जयंती का महत्व

गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब में हुआ था। वे न केवल आध्यात्मिक गुरु थे, बल्कि एक महान योद्धा, कवि और सामाजिक सुधारक भी थे। उन्होंने "खालसा पंथ" की स्थापना 1699 में की, जिसने अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष को नई दिशा दी।

उनके जीवन का संदेश है

न्याय के लिए आवाज उठाना,धर्म और मानवता की रक्षा,त्याग और वीरता, समाज में समानता और भाईचारे का प्रसार। उनकी जयंती पर प्रदेश भर में धार्मिक शोभा यात्राएँ, पाठ, कीर्तन, लंगर और कई सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा घोषित अवकाश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी, विद्यार्थी और आम नागरिक इस पावन दिन पर स्वतंत्रता से अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल हो सकें।

सिख समुदाय और प्रदेश भर के नागरिकों ने फैसले का स्वागत किया

उत्तर प्रदेश स्थित गुरुद्वारा प्रबंधन समितियों और सिख समाज के प्रतिनिधियों ने इस निर्णय को सराहा है। उनका कहना है कि गुरु गोविंद सिंह जयंती केवल सिख समुदाय का त्योहार नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास के गौरवशाली अध्याय का उत्सव है। इस दिन छुट्टी होने से कार्यक्रमों में व्यापक भागीदारी संभव होगी। लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, गोरखपुर, वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों में गुरुद्वारों के प्रमुखों ने कहा कि यह फैसला सरकार और आम जनता के बीच समन्वय को और मजबूत करता है।

शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी विभागों में सूचना जारी

शासनादेश जारी होने के तुरंत बाद सभी शिक्षण संस्थानों,बेसिक शिक्षा विभाग,माध्यमिक शिक्षा,उच्च शिक्षा,तकनीकी संस्थान,विश्वविद्यालयों में संबंधित आदेश भेज दिए गए। प्रबंधन समितियों और विद्यालयों ने 27 दिसंबर की परीक्षाएं, कार्यशालाएं और व्याख्यान कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से पुनर्निर्धारित करने शुरू कर दिए हैं। सरकारी विभागों में भी अवकाश सूची को अपडेट कर कर्मचारियों तक सूचना पहुंचाना शुरू कर दिया गया है।

धार्मिक स्थलों पर तैयारियां शुरू

अवकाश घोषित होने के साथ ही प्रदेश के प्रमुख गुरुद्वारों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। गुरुद्वारों में विशेष दीवान, गुरबाणी कीर्तन,अरदास,लंगर सेवा,शोभा यात्राएँ आयोजित किए जाने की योजना बनाई जा रही है।

लखनऊ के प्रमुख गुरुद्वारों-याहियागंज गुरुद्वारा, आलमबाग गुरुद्वारा, निशातगंज गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने के अनुमान से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की तैयारियां भी जारी हैं।

धार्मिक एवं सांस्कृतिक विविधता का सम्मान

योगी सरकार राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करने पर निरंतर जोर दे रही है। हाल के वर्षों में कई ऐसे पर्व और जयंती दिवस सरकारी अवकाश सूची में शामिल किए गए हैं, जिनका समाज के बड़े वर्गों के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।

एक दिन के अवकाश का प्रशासनिक प्रभाव

इस अवकाश का असर न्यायालयों, सरकारी विभागों, बैंकिंग सेक्टर के कुछ कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों की कार्यप्रणाली पर पड़ सकता है।

हालांकि, अत्यावश्यक सेवाएँ-

  • स्वास्थ्य,
  • पुलिस,
  • फायर सर्विस,
  • परिवहनजैसे विभागों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा।

आपातकालीन सेवाओं के लिए छुट्टी के बावजूद कर्मचारियों की ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

ऑनलाइन सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं

ई-डिस्ट्रिक्ट, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, राजस्व सेवाएँ, पोर्टल आधारित आवेदन, ट्रांसपोर्ट वेबसाइट, यूपीसीआरपीसी सेवाएँ और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म अवकाश वाले दिन भी सामान्य रूप से सुचारु रहेंगे।

27 दिसंबर को बंद रहेंगे ये संस्थान

  • सभी जिला मुख्यालयों के सरकारी कार्यालय
  • विकास भवन
  • नगर निगम और नगर पालिका कार्यालय
  • विश्वविद्यालय और कॉलेज
  • बेसिक और माध्यमिक स्कूल
  • सरकारी निगम
  • स्वायत्तशासी निकाय

इससे कर्मचारियों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों को दिनभर धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने की सुविधा मिलेगी।

क्या यह अवकाश हर वर्ष रहेगा?

फिलहाल आदेश केवल वर्ष 2025 के लिए जारी हुआ है। आने वाले वर्षों के लिए प्रत्येक वर्ष अवकाश सूची नए सिरे से घोषित होती है। इसलिए आगामी वर्षों में सरकार की नीति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।


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