
पंचायत चुनाव जीतकर बनना है प्रधान? कितनी पढ़ाई जरूरी? कितना वेतन। फोटो सोर्स-AI
Panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान का पद गांव की प्रशासनिक व्यवस्था और विकास योजनाओं के संचालन में सबसे जरूरी भूमिका निभाता है। यह ग्रामीण स्तर पर एक जिम्मेदार पद माना जाता है। ग्राम प्रधान बनने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ बुनियादी योग्यताएं तय की हैं, जिनका पालन हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है।
ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति की उम्र कम से कम 21 साल होना और उसी ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना अनिवार्य है। खास बात यह है कि इस पद के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता जरूरी नहीं है। चाहे व्यक्ति शिक्षित हो या निरक्षर, दोनों चुनाव लड़ने के पात्र हैं। बशर्ते वे उम्र और मतदाता संबंधी शर्तें पूरी करते हों।
इसके अलावा, वही नियम लागू होते हैं जो अन्य चुनावों में होते हैं। उम्मीदवार का मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है और उसके खिलाफ किसी मामले में दोष सिद्ध नहीं होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के मलकपुरा गांव के प्रधान अमित ने एक निजी पोर्टल के साथ बातचीत में बताया कि राज्य में ग्राम प्रधानों को मात्र 5,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। जिसे वेतन की श्रेणी में नहीं रखा जाता। इसके अतिरिक्त ना तो कोई भत्ता मिलता है और ना ही पेंशन की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि यदि कार्यकाल के दौरान किसी प्रधान की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को मुआवजे का प्रावधान जरूर है। वहीं, पंचायत चुनाव में मतदान करने के लिए यह अनिवार्य है कि मतदाता का नाम संबंधित पंचायत की निर्वाचन सूची में दर्ज हो। बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण की समय-सारणी में बदलाव किया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार अब मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
Published on:
26 Nov 2025 05:22 pm
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