
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। फोटो- पत्रिका
Dennis Bawaria Murder Case झुंझुनूं। हिस्ट्रीशीटर डेनिश बावरिया हत्याकांड में झुंझुनूं पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में बसंत विहार निवासी हितेश, जीत की ढाणी निवासी प्रशांत उर्फ पोखर और पन्ने सिंह की ढाणी, ठेलासर (हाल बिसाऊ) निवासी अजय उर्फ संदीप शामिल हैं।
पुलिस ने तीनों को औरंगाबाद से दिल्ली जा रही सचखंड एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में भीख मांगते हुए धर दबोचा। फरारी के दौरान तीनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और ट्रेनों व मंदिरों के सामने भीख मांगकर गुजारा कर रहे थे। एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि विशेष पुलिस टीम एक माह से आरोपियों की तलाश में लगी हुई थी। हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार यही तीनों थे।
घटना को अंजाम देने के कुछ दिन बाद आरोपियों के अलग-अलग गुट बन गए। आरोपियों की फरारी के दौरान सूत्रों से पता चला कि प्रशांत, हितेश और अजय तीनों खास दोस्त हैं और एक साथ ही रह रहे हैं। जिस दिन घटना हुई उस दिन भी तीनों एक ही गाड़ी में भागे थे और फरारी के दौरान साथ में रहे।
आरोपी दीपक और मंदीप अलग फरारी काटने लगे। आरोपियों को गाड़ी देने और ठहराने वालों को पकड़ लिया गया। इसके चलते इनके परिजन व नजदीकी लोगों ने डर के मारे मदद करना व बात करना बंद कर दिया। ये लोग किसी राह चलते से फोन लेकर और किसी से भूखे रहने की बात कहकर पैसा मांगकर काम चलाने लगे।
राजस्थान में सभी ठिकाने बंद होने के बाद आरोपी मध्यप्रदेश की ओर भागे। दो-दो दिन तक भूखे रहना पड़ा। फटे-पुराने कपड़े पहनकर ट्रेनों के जनरल डिब्बों में भीख मांगने लगे। अमृतसर, दिल्ली, आगरा, धौलपुर, बीना, औरंगाबाद व नांदेड़ जैसे रूटों पर घूमते रहे। पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग स्टेशनों से ट्रेन बदलते रहे।
कोतवाली थानाधिकारी श्रवण कुमार नील, मुख्य आरक्षी वीरेंद्र कुमार, कांस्टेबल प्रवीण कुमार, संदीप पूनियां, अनिल कुमार, रुपेन्द्र ओला, चेनाराम समेत एजीटीएफ झुंझुनूं व साइबर सेल की टीम का सहयोग रहा। इस मामले में पुलिस ने अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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20 अक्टूबर को डेनिस उर्फ नरेश कुमार ने एसएमएस अस्पताल जयपुर में दिए पर्चा बयान में बताया था कि वह पटाखे और तीन लाख रुपए लेकर साथियों के साथ कार में चूड़ेला गांव जा रहा था। चूरू बाइपास के पास तीन कैंपर गाड़ी में आए प्रशांत उर्फ पोखर, हितेश, अजय, दीपक, मंदीप, कपिल समेत कई अन्य ने टक्कर मारकर घेर लिया।
लोहे की पाइपों से हमला कर उसे घायल किया। अपहरण कर रसोड़ा गांव ले गए और मारपीट कर लूटपाट की और जोहड़ में पटक कर चले गए। इलाज के दौरान 21 अक्टूबर को हिस्ट्रीशीटर डेनिस बावरिया की मौत हो गई। मामले में हत्या के साथ एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गईं।
Published on:
30 Nov 2025 06:00 am
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