
आंदोलन के चलते बंद दुकानें। फोटो: पत्रिका
जयपुर। ई-पंजीयन कानून लागू होने की अधिसूचना के बाद सोसायटी पट्टों के आधार पर खरीद-बेचान पर अघोषित पाबंदी से शुक्रवार को पंजीयन-मुद्रांक विभाग पीछे हट गया। पंजीयन-मुद्रांक अधिकारियों ने शुक्रवार को इस पूरे मामले को गफलत बताते हुए स्पष्ट किया कि सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री पहले की तरह जारी रहेगी। इस आश्वासन के बाद वकीलों ने विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया, वहीं शुक्रवार दोपहर बाद पहले की तरह ही फिर रजिस्ट्री शुरू कर दी गईं।
पंजीयन को लेकर प्रशासन और वकीलों के बीच दो दिन से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए शुक्रवार को दिनभर बैठकों का दौर चला। डीआइजी स्टाम्प(जयपुर)-प्रथम देवेंद्र कुमार जैन ने प्रदर्शन कर रहे वकीलों को स्पष्ट किया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में कोई प्रतिबंध नहीं है और सोसायटी के पट्टे पहले की तरह ही रजिस्टर्ड होंगे।
इसके बाद पंजीयन कार्य से जुड़े वकील काम पर लौट आए। बताया जा रहा है कि गुरुवार और शुक्रवार को जयपुर में पंजीयन कार्यालय में काम नहीं होने से 2000 से अधिक रजिस्ट्री अटक गईं। ऐसे में सोमवार से काम पटरी पर लौटेगा।
वकीलों के आंदोलन के बाद पंजीयन-मुद्रांक, नगरीय विकास और सहकारिता विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए। पंजीयन-मुद्रांक अधिकारियों ने जयपुर में आंदोलन कर रहे वकीलों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर शुक्रवार शाम वार्ता की। द डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अखिलेश जोशी ने बताया कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के अधिकारियों ने आदेश की व्याख्या गलत की, इसकी वजह से गफलत हुई।
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पहले की तरह यथावत रखी जाए।
पंजीयन-मुद्रांक अधिकारियों को ई-पंजीयन को लेकर दो दिसंबर से लागू आदेश का सही अर्थ समझ नहीं आया। इस कारण जयपुर में कई उप-पंजीयक कार्यालयों में सोसायटी पट्टों के पंजीयन के लिए दस्तावेज लेने बंद कर दिए। इसके बाद अधिवक्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। नतीजा दो दिन तक पूरी प्रक्रिया ठप हो गई।
Published on:
06 Dec 2025 07:11 am
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