
Pollution Prevention Fruits (photo- gemini ai)
Pollution Prevention Fruits: प्रदूषण की बढ़ती गति ने लोगों के मन में अपनी हैल्थ को लेकर डर बढ़ा दिया है। बच्चों और व्यस्कों के लिए ये ज्यादा बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि उनको फेफड़ों में प्रदूषण के कारण ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इससे बचने के लिए संतुलित और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फलों को अपनी डाइट में शामिल किया जाए, तो इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। प्रदूषण से बचने के लिए सबसे पहले तो हमारी इम्युनिटी का स्ट्रांग होना बहुत जरुरी है। संतुलित आहार के अलावा इसका और कोई रास्ता नहीं है। आहार विशेषज्ञों के अनुसार ये 10 फल आपको प्रदूषण से बचाने में सहायक हो सकते हैं।
आंवला एक भारतीय फल है जो विटामिन C का बहुत बड़ा स्रोत है। ये फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर को बचाता है और इम्युनिटी को मजबूत बनाकर हमारे शरीर को प्रदूषण से बचाते है।
रामफल में विटामिन C और विटामिन B6 के साथ पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को नुकसान से बचाता है। ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण में रखता है।
टमाटर फेफड़ों की हानि को कम करता है। यह श्वसन मार्ग को साफ करता है, जिससे अस्थमा और अन्य सांस की समस्याओं में आराम मिलता है। टमाटर को आप सलाद या सूप के रूप में खा सकते है इसके अलावा टमाटर को किसी और फल के साथ भी खाया जा सकता है। टमाटर हमारे शरीर में टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है।
मस्टर्ड लीव्स यानी सरसों के साग में एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे विटामिन A और विटामिन C होते हैं, ये कोशिकाओं को प्रदूषण से होने वाली सूजन और तनाव से बचाते हैं। यह पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है इससे पाचन और इम्यूनिटी में सुधार आता है।
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता हैं जो शरीर को तनाव कम करने में सहायता करता है। ये फेफड़ों में बनने वाले बलगम को कम करता है, जिससे श्वसन तंत्र को आराम मिलता है। आप इसे पानी में डालकर,अदरक की मिठाई बनाकर, सब्जी बनाकर या सीधे भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
कच्ची हल्दी में कुरकुमिन होता है जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होता है। ये प्रदूषण से होने वाले तनाव को कम करता है। यह फेफड़ों को प्रदूषण से बचाने में मदद करता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है।
सेब में फ्लेवोनॉयड और विटामिन C भरपूर मात्रा में होते हैं। रोजाना एक सेब खाने से सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे खांसी व एलर्जी जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है। अस्थमा मरीजों को डॉक्टर रोजाना एक सेब खाने की सलाह देतें हैं।
संतरा विटामिन C का बेहतरीन स्रोत होता है। इसके सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ये प्रदूषण से पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स के नुक्सान को करता है और त्वचा व फेफड़ों की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का काम भी करता है।
अनार में पॉलीफेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये ब्लड को साफ रखने में मदद करता हैं। ये प्रदूषण से फेफड़ों में होने वाली सूजन को भी कम करता है और प्रदूषण के कारण होने वाली अंदर की क्षति से भी बचाता है।
पपीते में पपेन एंजाइम होता है, इसके साथ इसमें विटामिन A और विटामिन C होते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं। ये फेफड़ों को मजबूत करता है और सांस संबंधी समस्याओं में भी आराम देता है।
Published on:
01 Dec 2025 03:34 pm
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