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राज्य को अगले पांच वर्षों में एड्स मुक्त बनाने का लक्ष्य : गुंडूराव

एचआइवी पॉजिटिव व्यक्तियों को समाज में सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है, और समय पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) शुरू करना अत्यंत आवश्यक है ताकि संक्रमण एड्स में परिवर्तित न हो।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि कर्नाटक Karnataka उन राज्यों में से एक है, जहां एचआइवी HIV संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा है। राज्य सरकार 2030 तक राज्य को एड्स-मुक्त AIDS राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सोमवार को मैसूरु के जे.के. ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एड्स दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी हितधारकों से इस अभियान में सहयोग देने की अपील की।

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2004 से अब तक राज्य में 1,16,200 लोगों की मृत्यु समय पर उचित उपचार न मिलने के कारण हुई है। एचआइवी खाना साझा करने, सामान्य संपर्क, सर्दी-जुकाम जैसे माध्यमों से नहीं फैलता है। एचआइवी पॉजिटिव व्यक्तियों को समाज में सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है, और समय पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) शुरू करना अत्यंत आवश्यक है ताकि संक्रमण एड्स में परिवर्तित न हो।

उन्होंने कहा कि संक्रमण मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, नशीली दवाओं के उपयोग के दौरान संक्रमित सुई का साझा उपयोग, और एचआइवी पॉजिटिव गर्भवती महिला से बच्चे में फैल सकता है। हाल के वर्षों में पुरुष-से-पुरुष संपर्क के माध्यम से संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिसे लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

मंत्री ने युवाओं की अधिक उपस्थिति वाले क्षेत्रों—कॉलेज, छात्रावास तथा यौनकर्मियों के निवास क्षेत्रों में विशेष रूप से जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों में योगदान देने वालों को सम्मानित किया।उन्होंने कहा कि केवल जागरूकता के माध्यम से ही एचआइवी-एड्स को रोका जा सकता है। सरकार, माता-पिता, शिक्षक, समाज और मीडिया आदि के सहयोग से अधिक जागरूकता फैलानी होगी। सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने, संक्रमितों को भरोसा दिलाने और एड्स से जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग हर वर्ष एक-एक जिले में विशेष कार्यक्रम आयोजित करता है।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि समय पर उपचार मिलने पर एचआइवी संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकते हैं। सरकार नि:शुल्क मानसिक समर्थन के साथ-साथ उपचार और दवाइयां उपलब्ध करा रही है।एड्स प्रिवेंशन सोसाइटी की परियोजना निदेशक पद्मा बसवंतप्पा ने बताया कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस का मुख्य फोकस एचआइवी पॉजिटिव व्यक्तियों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना तथा उन्हें भेदभाव और कलंक से सुरक्षित रखना है। राज्य में 442 एकलीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र, 94 एआरटी केंद्र, और 290 लिंक एआरटी केंद्र संचालित हो रहे हैं।