
representative picture (patrika)
दमोह. चाइल्ड ट्रैकिंग ऐप से ड्रॉपआउट रोकने हुए पार्ट ए और बी के सर्वे के बाद भी १८ हजार बच्चे अब भी स्कूल शिक्षा के मेप से बाहर है। दो पार्ट में सर्वेक्षण होने के बाद भी शिक्षा विभाग इन बच्चों तक नहीं पहुंच पाया गया है। जो कि बड़ा सवाल है। खास बात यह है कि ३१ अक्टूबर तक यह कार्य पूरा करना था, लेकिन इस पर फोकस नहीं किया गया। हालांकि, अब १० नवंबर तक इन बच्चों तक पहुंचने विशेष अभियान चलाने की बात कही जा रही है। पार्ट बी का सर्वेक्षण जो कि ड्रॉपआउट बेस था, इसमें दमोह ब्लॉक के अलावा किसी भी ब्लॉक ने सही काम नहीं किया है। पथरिया में ५५, बटियागढ़ में ६१, जबेरा में ६६ तो तेंदूखेड़ा में महज ६७ प्रतिशत काम ही हुआ है।
इन कारणों से नहीं दिख रहे थे बच्चे
सीबीएसई से पढऩे वाले बच्चों की मैपिंग नहीं की गई थी।
पॉलीटेक्निक कॉलेज, आइटीआई में एडमिशन ले चुके बच्चे भी मेप्ड नहीं थे।
समग्र आइडी से जहां एडमिशन नहीं मिला, वहां के बच्चे भी मेपिंग में नहीं आए।
५ हजार से अधिक बच्चों ने एडमिशन ही नहीं लिया।
पार्ट बी के काम थी डेडलाइन थी ३१ अक्टूबर
पार्ट एक में परिवारों का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें ७ लाख ९४८०१ परिवार में अधिकांश के पास शिक्षा विभाग की टीम ने पहुंचकर बच्चों की स्थिति को जाना। इनमें ८१ हजार से अधिक ऐसे बच्चे मिले थे, जो कि मेप नहीं थे और ड्रॉप आउट की सूची में आ रहे थे। इसके लिए पार्ट बी का काम शुरू किया गया, जिसमें केवल इन बच्चों को ट्रैस करना था, इसमें से १८ हजार से अधिक बच्चे डेडलाइन ३१ अक्टूबर तक ट्रैस नहीं हो पाए हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि १० नवंबर तक की टाइमलाइन दी गई है।
-ड्रॉपआउट पर विशेष फोकस
सर्वेक्षण के दौरान, शिक्षकों को उन बच्चों की पहचान करनी होगी जो स्कूल नहीं जा रहे हैं, साथ ही बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चे, प्रवासी श्रमिकों के बच्चे और 6 से 18 वर्ष के बीच के ड्रॉपआउट बच्चे भी शामिल हैं। इस जानकारी का उपयोग शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल से जोडऩे और ड्रॉपआउट को कम करने के लिए किया जाएगा।
यह है मौजूदा स्थिति
ब्लॉक - ड्रॉप आउट बच्चे - मिले - अब तक नहीं मिले
दमोह- २४४७०- २४४६५- ५
पटेरा- ८१०४- ७१४३- ९६१
हटा- ११२५४- ९७७८- १४७६
तेंदूखेड़ा- ९२५४- ६२६६- २९८८
जबेरा- ११२८३- ७५१६- ३७६७
बटियागढ़- ९९२२ - ६१०६ -३८१६
पथरिया- ९९१२ - ५५२७- ४३८५
कुल- ८१८८२ - ६६८०१ -१८०८१
वर्शन
सभी बच्चों को ट्रैक करने का काम किया जा रहा है। ३१ अक्टूबर डेडलाइन थी, फिलहाल १० नवंबर तक यह काम चलेगा, इस दौरान पूरा काम कर लिया जाएगा।
मुकेश द्विवेदी, डीपीसी दमोह
Updated on:
11 Nov 2025 09:47 am
Published on:
11 Nov 2025 09:46 am
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