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ट्रैफिक नियमों की जागरूकता का असर, हेलमेट और सीट बेल्ट ने बचाए 1000 से अधिक लोग

2025 में हुए अधिकांश हादसों में यह साफ देखा गया कि हेलमेट पहनने वाले दोपहिया चालक और सीट बेल्ट लगाए चारपहिया वाहन चालक गंभीर चोटों से बचे।

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108 ambulance

एंबुलेंस 108

सडक़ हादसों में होने वाली मौतें और गंभीर चोटें किसी भी जिले की सुरक्षा व्यवस्था का दर्पण होती हैं। लेकिन छतरपुर जिले ने वर्ष 2025 में सडक़ सुरक्षा को लेकर उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। ट्रैफिक नियमों के पालन पर सख्ती, हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता, जागरूकता अभियानों और नियमित जांच के कारण इस वर्ष सडक़ दुर्घटनाओं में घायल होने वालों की संख्या 2024 के मुकाबले 1005 कम रही। यह उपलब्धि केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि नागरिकों की बढ़ती सतर्कता और जागरूकता का भी परिणाम है।

ट्रैफिक जागरूकता अभियान ने दिखाया असर

2024 की तुलना में 2025 में जिले के हर ब्लॉक में सडक़ हादसों में कमी आई है। पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा संचालित रोड सेफ्टी अभियान, शिक्षा संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम, ओवरस्पीड पर कार्रवाई, सीसीटीवी मॉनिटरिंग और हेलमेट-सीट बेल्ट पर सख्ती ने इन आंकड़ों को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई।

तहसीलवार सडक़ दुर्घटना में घायलों के आंकड़े

तहसील — 2024 — 2025 — कमी
बड़ा मलहरा — 178 — 140 — 38
बिजावर — 242 — 149 — 93
बकस्वाहा — 145 — 103 — 42
चंदला — 84 — 70 — 14
छतरपुर — 719 — 499 — 220
गौरिहार — 266 — 157 — 109
घुवारा — 88 — 30 — 58
लवकुशनगर — 153 — 90 — 63
महाराजपुर — 283 — 223 — 60
नौगांव — 535 — 338 — 197
राजनगर — 401 — 290 — 111

जिले में घायल


2024 में 3094
2025 में 2089
कुल कमी 1005

हेलमेट और सीट बेल्ट बने सुरक्षा कवच


2025 में हुए अधिकांश हादसों में यह साफ देखा गया कि हेलमेट पहनने वाले दोपहिया चालक और सीट बेल्ट लगाए चारपहिया वाहन चालक गंभीर चोटों से बचे। ट्रैफिक विभाग का कहना है कि अच्छे दर्जे के हेलमेट और आगे पीछे दोनों सीटों पर सीट बेल्ट लगाने की प्रवृत्ति में तेजी से सुधार हुआ है। ओवरस्पीड रोकने के लिए नियमित चेकिंग, नशे में ड्राइविंग पर कार्रवाई और मुख्य चौराहों पर सीसीटीवी निगरानी ने भी दुर्घटना नियंत्रण में अहम योगदान दिया।

कौन से क्षेत्र रहे बेहतर


छतरपुर शहर ने 220 कम घायलों के साथ सबसे अधिक सुधार दिखाया। नौगांव में 197 और गौरिहार में 109 कम घायल दर्ज किए गए। घुवारा में तो घायलों का आंकड़ा 88 से घटकर केवल 30 रह गया। इसी तरह बड़ा मलहरा, राजनगर और लवकुशनगर ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।

प्रदेश में भी सुधार, छतरपुर की भूमिका महत्वपूर्ण


प्रदेश स्तर पर भी दुर्घटना में घायलों की संख्या घटी है। 2024 में 137895 लोग घायल हुए थे, जबकि 2025 में यह संख्या 101979 रह गई। यानी 35916 की कमी। छतरपुर ने अपने 1005 कम मामलों से इस सुधार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाई है।

एम्बुलेंस सेवा ने निभाई बड़ी भूमिका


हमारी एंबुलेंस सेवा पूरे निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ लोगों की सेवा के लिए तत्पर है। एक्सीडेंट के मामलों में देखा गया है कि जहां लोग सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग नहीं करते, वहां चोट लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है। हमारी अपील है कि सभी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं और किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति होने पर जीवन रक्षक 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क करें।


तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, मध्य प्रदेश 108 एंबुलेंस सेवा