बीकानेर. नत्थूसर गेट के बाहर उदय गिरि भैरव आश्रम में स्थित राज राजेश्वरी बाला त्रिपुर सुंदरी का मंदिर लोक आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां देवी के बाल स्वरूप की मूर्ति प्रतिष्ठित है। मंदिर में वर्षभर देवी के दर्शन, पूजन और उपासना का क्रम चलता रहता है। मंदिर में स्थापित देवी प्रतिमा मनमोहिनी है और उपासकों के धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और ख्याति को बढ़ाने वाली मानी जाती है। मंदिर में मूर्ति चतुर्भुजी है। हाथों में माला, पुस्तक, पुष्प और वर प्रदान करती हैं। देवी कमल पुष्प पर विराजमान हैं। मूर्ति का आकार तकरीबन 3 फीट गुणा 3.5 फीट, वजन: लगभग सवा क्विंटल है। मूर्ति के दांयी और बांयी ओर भैरव और हनुमान की प्रतिमाएं विराजमा हैं। परिसर में स्फटिक महादेव, श्रीयंत्र, यज्ञशाला और साधना कक्ष हैं। दिन में चार बार भोग और सुबह-शाम आरती होती है।
होता है विशेष रात्रिकालीन पूजन
संस्थापक पंडित ग्वाल दत्त व्यास के अनुसार, मंदिर में नित्य दर्शन-पूजन के साथ प्रत्येक शुक्रवार विशेष दर्शन और फेरी का आयोजन होता है। चार रात्रिकालीन पूजन दीपावली, होली, शिवरात्रि और जन्माष्टमी पर होते हैं। इन पूजनों का विशेष महत्व है और ये अलौकिक धार्मिक अनुष्ठान माने जाते हैं। मूर्ति का निर्माण पुष्य नक्षत्रों में हुआ, ब्रह्मचारी आचार्य श्रीधर महाराज एवं गुरुदेव श्रीगोपाल गोस्वामी के आशीर्वाद से हुआ।
गरबा नृत्य और कुमारी पूजन के आयोजन
शारदीय नवरात्र में देवी मूर्ति के सामने गरबा नृत्य होता है, जिसमें बालिकाएं और महिलाएं भाग लेती हैं। अष्टमी को गरबा नृत्य का मुख्य आयोजन होता है। महानवमी को कुमारी पूजन, जिसमें 108 कन्याओं और बटुक का पूजन होता है। आयोजन उदयगिरि भैरव आश्रम संचालन समिति और भक्तों के सहयोग से संपन्न होता है। यह मंदिर बीकानेर संभाग में पहला और प्रदेश में दूसरा है, जहां राज राजेश्वरी बाला त्रिपुर सुंदरी का बाल स्वरूप प्रतिष्ठित है।
Published on:
26 Sept 2025 11:29 pm