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सूर्यास्त के बाद नौकायन का नियम नहीं, डोलमेला में दे दी रात 10 बजे तक की अनुमति

राजस्थान नौचालन विनियमन अधिनियम, 1956 एवं इस अधिनियम के तहत बने राजस्थान नौचालन विनियमन नियम, 1957 के तहत विशिष्ट रूप से निर्देशित गया है कि सामान्यत: नौका का उपयोग सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय से पूर्व नहीं किया जाएगा।

बारां

Mukesh Gaur

Sep 09, 2025

राजस्थान नौचालन विनियमन अधिनियम, 1956 एवं इस अधिनियम के तहत बने राजस्थान नौचालन विनियमन नियम, 1957 के तहत विशिष्ट रूप से निर्देशित गया है कि सामान्यत: नौका का उपयोग सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय से पूर्व नहीं किया जाएगा।
source photo patrika

आमजन कह रहे रात्रि में संचालन जोखिमपूर्ण

बारां. शहर में आयोजित ख्यातनाम डोलमेला तालाब में रात्रि को संचालित मोटर बोट को लेकर सवाल उठने लगे हैं। आमजन के साथ ही जागरुक लोगों का कहना है कि रात्रि के समय मोटर बोट का संचालन जोखिमपूर्ण है। इससे कोई भी दुर्घटना घटित हो सकती है। इस मामले में मेला आयोजक नगर परिषद तथा जिम्मेदार अधिकारियों एवं नियमों में विरोधाभास नजर आता है। परिषद के अधिकारी इसे नियम सम्मत बता रहे है।

यह हैं नियम

राज्य परिवहन विभाग द्वारा राजस्थान नौचालन विनियमन अधिनियम, 1956 एवं इस अधिनियम के तहत बने राजस्थान नौचालन विनियमन नियम, 1957 के तहत विशिष्ट रूप से निर्देशित गया है कि सामान्यत: नौका का उपयोग सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय से पूर्व नहीं किया जाएगा। झील इत्यादि में प्रवेश से पूर्व यात्रियों की सूची मय पूर्ण पते के दो प्रतियों में तैयार की जाएगी। एक प्रति किनारे पर नाव के स्वामी या उसके किसी कर्मचारी द्वारा रखी जाएगी एवं एक प्रति नाविक के पास रहेगी। नौका के किनारे आने पर यात्रियों के सुरक्षित लौट कर आने का मिलान यात्री सूची से किया जाएगा। सुरक्षा के लिए नाव में सवार प्रत्येक यात्री द्वारा सुरक्षा उपस्कर लाइफ जैकेट पहनकर ही यात्रा की जाएगी। नौका में निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन नहीं किया जाएगा समेत कई नियम दिए हुए है।

नगर परिषद ने जारी किए आदेश

डोलमेला तालाब में मनोरंजन के लिए संचालित मोटर बोट को लेकर नगर परिषद के आयुक्त ने संबधित संवेदक को 4 सितम्बर को जारी किए कार्यादेश में मेला अवधि के लिए पेडल बोट एवं मोटर बोट संचालन के लिए रात्रि 10 बजे तक नौका संचालन की विशेष अनुमति दी है। इसमें संवेदक द्वारा समय सीमा को देखते हुए टिकट वितरण, बिना फिटनेस एवं लाइसेंस के नौका संचालन न हो, नाव में बैठने वाले सभी लोगों को लाइफ जैकेट भी पहनना अनिवार्य होगा।

रात्रि को विशेष परिस्थिति में अनुमति

एसडीआरएफ कोटा की कमाण्डेड एकता हाड़ा ने बताया कि सूर्यास्त के पश्चात मोटरबोट का संचालन या रेस्क्यू नहीं किया जाता है। विषम परिस्थितियों में ही उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश पर रात्रि के समय मोटरबोट का प्रयोग या रेस्क्यू कार्य किया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में रात्रि को मोटरबोट का संचालन नहीं किया जाता है।

डोल मेला तालाब में रात्रि को मोटर बोट संचालन का निर्णय मेला कमेटी ने लिया है। इसके तहत ही संचालन किया जा रहा है।

मोतीशंकर नागर, आयुक्त, नगर परिषद, बारां

डोलमेले में मनोरंजन के लिए हो रहे रात्रि में मोटर बोट के संचालन को लेकर नगर परिषद आयुक्त से पूर्ण तथ्य व जानकारी मांगी गई है। सम्पूर्ण दस्तावेजों को देखकर ही कोई कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

विश्वजीत, एसडीएम, बारां