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फसलों के लिए घातक साबित हुई बरसात, गिरेगी पैदावार

जिले में अतिवृष्टि से खरीफ की फसलों में व्यापक नुकसान हुआ है। रविवार को बारां आए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी सम्पूर्ण जिले में 40 से 70 प्रतिशत फसल में खराबे की बात स्वीकार की। हालांकि नुकसान इससे कहीं अधिक है।

बारां

Mukesh Gaur

Sep 09, 2025

जिले में अतिवृष्टि से खरीफ की फसलों में व्यापक नुकसान हुआ है। रविवार को बारां आए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी सम्पूर्ण जिले में 40 से 70 प्रतिशत फसल में खराबे की बात स्वीकार की। हालांकि नुकसान इससे कहीं अधिक है।
source patrika photo

मक्का 50, सोयाबीन में 70 से 100, धान में 20 प्रतिशत खराबा, उड़द की पूरी फसल चौपट

बारां. जिले में अतिवृष्टि से खरीफ की फसलों में व्यापक नुकसान हुआ है। रविवार को बारां आए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी सम्पूर्ण जिले में 40 से 70 प्रतिशत फसल में खराबे की बात स्वीकार की। हालांकि नुकसान इससे कहीं अधिक है। जिले में इस बार कुल जोत 3.35 लाख हैक्टेयर में से 2.82 लाख हैक्टेयर में खरीफ की फसलों की बुवाई हो सकी। लगातार बरसात ने बोई गई फसलों को भी चौपट कर दिया। धान की फसल से ही अब उम्मीद है। हालांकि यह भी लक्ष्य के मुकाबले आधी ही हो पाई। जिला प्रशासन फसलों में खराबे का सर्वे लगातार कर रहा है। जिले में मांगरोल को छोडकऱ सभी उपखंडों में फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।

जिले में इस सीजन में करीब 1.55 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई थी। इसकी बुवाई की उम्मीद 1.89 लाख हैक्टेयर होने की उम्मीद थी। लेकिन बा नहीं आने के कारण बुवाई ही नहीं हो पाई। अधिक बरसात से इसमें काफी फसल का तो बीज ही दब गया। वहीं कई खेतों में जलभराव से उगी फसल नष्ट हो गई। अब जो ढालू खेतों में ही शेष बची है। इस बार करीब 81 हजार हैक्टेयर में मक्का की बुवाई हुई थी, हालांकि मौसम साथ देता तो 91 हजार हैक्टेयर में मक्का की बुवाई होती। धान की 32 हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई, जबकि यह भी लक्ष्य से आधी ही रही। वहीं जिले में उड़द की करीब 9 हजार हेक्टेयर में बुवाई हुई थी।

जिले में मक्का की फसल में 35 से 45, सोयाबीन 40 से 50, उड़द 80 तथा धान 15 से 20 फ़ीसदी नष्ट हुई है। यदि फिर बारिश होती है तो जिस धान की फसल में बालियां आ गई हैं, वह भी गिरकर खराब हो जाएंगी।

धनराज मीणा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग

खरीफ की फसलों में अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है। सोयाबीन की फसल 70 से 100 फीसदी खराब हो चुकी है। मक्का में 50 पहले दौर में फीसदी बाद की बुवाई वाली मक्का में 70 फीसदी नुकसान है। उड़द की फसल तो सौ फीसदी नष्ट होना तय है।
सत्यनारायण किसान

उम्मीद से कम बुवाई

सोयाबीन 40 प्रतिशत

धान 35 प्रतिशत

उड़द 25 प्रतिशत