Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रयोगशाला की जांच में पूड़ी तलने वाला तेल घटिया और अमानक निकला

तेल के सेम्पल की जांच रिपोर्ट 5 अगस्त को जारी हुई थी, जो विभाग को दो दिन पहले ही मिली है। इसके अनुसार उपयोग किया जा रहा रिफाइंड सोयाबीन तेल खाद्य सुरक्षा मानक को पूरा नही करता है। नमूना नियम के तहत घटिया है।

बारां

Mukesh Gaur

Sep 08, 2025

तेल के सेम्पल की जांच रिपोर्ट 5 अगस्त को जारी हुई थी, जो विभाग को दो दिन पहले ही मिली है। इसके अनुसार उपयोग किया जा रहा रिफाइंड सोयाबीन तेल खाद्य सुरक्षा मानक को पूरा नही करता है। नमूना नियम के तहत घटिया है।
तेल के सेम्पल की जांच रिपोर्ट 5 अगस्त को जारी हुई थी, जो विभाग को दो दिन पहले ही मिली है। इसके अनुसार उपयोग किया जा रहा रिफाइंड सोयाबीन तेल खाद्य सुरक्षा मानक को पूरा नही करता है। नमूना नियम के तहत घटिया है।

स्वास्थ्य विभाग चलाएगा अभियान, अन्य सामग्री की जांच रिपार्ट आना अभी बाकी

बारां. शहर के तेलफैक्ट्री क्षेत्र स्थित एक पूड़ी-सब्जी विक्रेता पर 30 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा टीम की छापामार कार्रवाई के दौरान लिए गए तेल, आटा व मसालों के नमूनों की खाद्य विभाग ने कोटा में जांच करवाई। जांच में तेल का नमूना अमानक पाया गया है। अन्य सामग्री की जांच रिपार्ट आना अभी बाकी है।

फूड सेफ्टी ऑफिसर मौजीलाल कुंभकार ने बताया कि तेल के सेम्पल की जांच रिपोर्ट 5 अगस्त को जारी हुई थी, जो विभाग को दो दिन पहले ही मिली है। इसके अनुसार उपयोग किया जा रहा रिफाइंड सोयाबीन तेल खाद्य सुरक्षा मानक को पूरा नही करता है। नमूना नियम के तहत घटिया है। उन्होंने बताया कि अन्य मसालों तथा आटे की जांच की रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि प्रकरण को कोर्ट में पेश कर कार्रवाई की जाएगी। कुंभकार ने बताया कि शहर समेत अन्य स्थानों पर एक माह में करीब पांच दर्जन से अधिक खाद्य सामग्रियों के नमूने लिए गए हैं। इन्हें भी जांच के लिए कोटा लैब में भिजवाया गया है। जांच रिपोर्ट आने में एक माह लग जाता है।

फूड सेफ्टी नियम के तहत तथा हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार खाने के तेल को तलने के लिए दो बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। तेल का बार-बार उपयोग से हानिकारक टोटल पोलर कम्पाउंड टीपीसी बनते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। बार-बार तलने से तेल में हानिकारक कंपाउंड्स जमा हो जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं, शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तेल को बार-बार गर्म करने से पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड का ऑक्सीकरण होता है, इससे ऐसे रसायन बनते हैं जो दिल की बीमारियों और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।