
रोड निर्माण, डीएपी और मुआवजे की मांग, ज्ञापन सौंपा
बारां. लंबे समय से खस्ता हाल पड़े बारां-मांगरोल रोड़ का निर्माण कराने, डीएपी एवं अतिवृष्टि से तबाह हुए फसल के मुआवजे की मांग को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सोमवार को मांगरोल रोड पर बड़ां की बावड़ी पर लगभग 4 घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कई युवा एवं किसान धरने से उठकर सडक़ पर आ गए। जहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चक्काजाम कर दिया। इससे आधा घंटे तक सडक़ के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश की, तब जाकर जाम हटाया। इसके बाद प्रतिनिधि मण्डल ने मांगों को लेकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। धरने के दौरान एडीएम, एएसपी, तहसीलदार, सदर थाना सीआई सहित पुलिस जाप्ता पहुंच गया था। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि 10 दिन में मांगे नहीं मानी गई तो 18 सितंबर को चक्काजाम किया जाएगा।
पूर्व चेतावनी के अनुसार सुबह 10 बजे किसान एवं क्षेत्रवासी किसान नेता एवं मोदी फोर्स के संयोजक महेंद्र ङ्क्षसह राठी के नेतृत्व में धरने बैठ गए। जहां धरने को हेमंत मीणा रजपाली, बाबूलाल मेहता, उजागर ङ्क्षसह चौधरी, धर्मराज मीणा, संजय ङ्क्षसह, जितेंद्र उ$र्फ गोलू, , जतिन किराड़, विजय मीणा, राकेश कटारिया, महावीर मेहता, नीरज सुमन, महेन्द्र मेहता आदि ने सम्बोधित किया। राठी ने बताया कि 20 अगस्त को किसानों व क्षेत्रवासियों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें 4 दिन में रोड़ का निर्माण या मरम्मत का काम शुरू करवाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन 10 दिन का समय बीत जाने के बावजूद काम शुरू नहीं किया गया। इससे क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है। इस स्टेट हाइवे की इतनी भयंकर दुर्दशा हो चुकी है कि शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। बारां से मांगरोल व माल बमोरी तथा जयपुर व श्योपुर (म.प्र) तक के वाहनों का आवागमन रहता है। सडक़ बदहाल होने से यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। कल भी बड़ा हादसा हो गया। वहीं किसानों को फसल लेकर जाने में भी समस्या आती है। राजमार्ग होते हुए भी यह सडक़ पिछले 15 साल से बड़े-बड़े गड्ढ़ों में तब्दील हो गई है। सबसे ज्यादा समस्या बड़ा, समसपुर, लिहाडिय़ा, भड़सुई, रानीहेड़ा, बोरेडी आकडी, खेराली, तिसाया, पीलीया, बड़ा, कोयला, रेबारपुरा, मियाडा, कोटड़ी, उल्थी, बमूलिया, चैनपुरा, खेडी, बोहत, भगवानपुरा, भटवाड़ा, झाडवा, पाडलिया, ङ्क्षहगोनिया, श्यामपुरा, मुण्डिया तथा बारां से मांगरोल मालबमोरी तक के गावों के लोगों को उठानी पड़ती है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनकी दूसरी मांग किसानों की फसल खराबी का मुआवजा व डीएपी यूरिया बिना अटैचमेंट के दिलवाना है। इस वर्ष सभी किसानों को प्रकृति की मार को झेलना पड़ रहा हैं। कुछ किसान तो भयंकर वर्षा के कारण बुआई तक नहीं कर पाए हैं। जिनकी बुआई हो गई उनकी फसल गल गई है या खराब हो गई है। इसलिए शीघ्र सर्वे करवाया जाए।
Published on:
09 Sept 2025 01:19 pm

