बारां. मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य बनाए गए जिला चिकित्सालय के 29 चिकित्सकों ने कार्यानुभव प्रमाण-पत्र नहीं दिए जाने समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर गुरुवार को पदनामित सहायक आचार्य के पद से त्यागपत्र दे दिया। ये पत्र उन्होंने कॉलेज के प्रधानाचार्य व जिला अस्पताल के पीएओ को सौंपे।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ जिलाध्यक्ष देवीशंकर नागर ने बताया कि निदेशक राजस्थान मेडिकल ऐजूकेशन सोसायटी के 17 जुलाई 2024 को जारी निर्देशों के तहत जिला चिकित्सालय में कार्यरत परामर्शदाता, विशेषज्ञों [चिकित्सकों] को बारां राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए नियमानुसार सहायक आचार्य के पद पर पदनामित किया था, लेकिन उक्त पद पर पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करते हुए 1 वर्ष से अधिक हो जाने के बाद भी उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। वैसे वह भविष्य में भी सेवाएं जारी रखना चाहते हैं, लेकिन लगातार पक्षपात एवं द्वेषतापूर्ण व्यवहार किए जाने के कारण व्यथित एवं स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इससे पदनामित सहायक आचार्य के पद से सामूहिक त्याग पत्र दिया गया है। जिलाध्यक्ष नागर के नेतृत्व में त्याग पत्र देने गए प्रतिनिधि मंडल में गायनी, आर्थोपेडिक, सर्जरी समेत विभिन्न विभाग के चिकित्सक शामिल थे।
राजमेस सचिव को भी लिखा पत्र
जिलाध्यक्ष नागर ने बताया कि उक्त मामले को लेकर अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की ओर से राजमेस सचिव को भी पत्र लिखा है तथा इसकी प्रति मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य व जिला अस्पताल के पीएमओ को भी दी गई है। पत्र में कहा गया कि बारां मेडिकल कॉलेज का संचालन होने से पूर्व फेकल्टी की कमी की दूर करने के लिए यहां जिला अस्पताल में कार्यरत विशेषक्ष चिकित्सक को एनएमसी गाईडलाईन के तहत पदनामित कर संबंधित विभाग में सहायक आचार्य के पद पर पदनामित किया गया था। इसका अनुभव प्रमाण-पत्र दिया जाए। राजमेस फेकल्टी चिकिसकों को सेवारत चिकित्सकों की तरह ओपीडी, इमरजेंसी व नाईट एवं ऑनकाल ड्यूटी रोस्टर के अनुसार करने के लिए पाबंद किया जाए। एनएमसी की गाईडलाईन टेक-2025 लागू किया जाए। स्पष्ट करें कि राजमेस चिकित्सक राजस्थान सरकार के अधीन है या नहीं यदि है तो अवकाश के नियम भी समान हो। राजमेस चिकित्सक लगातार 2 या 3 राजकीय अवकाश व साप्ताहिक अवकाश ले सकते हैं तो सेवारत चिकित्सक भी ले सकें। इस मामले में सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने पर सभी सेवारत चिकित्सक आधार-बेस बायोमेट्रिक उपस्थिति का बहिष्कार करेगें। एवं सामूहिक रूप से सहायक आचार्य पद से पदत्याग करने एवं इस्तीफा देने को मजबूर होंगे।
जिला चिकित्सालय के 29 चिकित्सकों के हस्ताक्षर से एक प्रतिनिधि मंडल ने सहायक आचार्य के पदनामित पद से स्तीफा दिया है। यह राज्य सरकार के स्तर का मामला है। इसे सरकार को भेजा जाएगा। इस मामले में निर्णय भी राज्य सरकार के स्तर पर होगा।
डॉ. सीपी मीणा, प्रधानाचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज
Published on:
11 Sept 2025 10:55 pm