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पीएम जनमन योजना से बदला बैगा समुदाय की सुमत्री बाई का जीवन

कच्चे घर से बना पक्के मकान, अब सम्मान, सुरक्षा और उम्मीदों का नया सफर

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कच्चे घर से बना पक्के मकान, अब सम्मान, सुरक्षा और उम्मीदों का नया सफर

कच्चे घर से बना पक्के मकान, अब सम्मान, सुरक्षा और उम्मीदों का नया सफर

जिले के बैहर विकासखंड के ग्राम जत्ता की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय की महिला सुमत्री बाई का जीवन अब पूरी तरह बदल चुका है। पीएम जनमन योजना ने सुमत्री के सपनों को हकीकत में बदल दिया है। पहले वह मिट्टी और फूस से बने कच्चे घर में रहती थीं, जहां बरसात के दिनों में टपकती छत और टूटती दीवारें हमेशा चिंता का कारण बनी रहती थीं। लेकिन अब उसकी दुनिया बदल गई है। पीएम जनमन योजना के अंतर्गत उन्हें सीमेंट कांक्रीट का पक्का मकान मिला है, जिसे देखकर गांव में उनका सम्मान बढ़ा है और उनके जीवन में सुरक्षा व स्थिरता की नई रोशनी आई है।
सुमत्री ने बताया कि पक्का मकान मिलने से वह बहुत खुश है। अब उसे बारिश की चिंता नहीं करनी होगी और न ही मेहमान आने पर किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना करना होगा। छोटा ही सही पर पक्का घर अब उनके आत्म सम्मान की पहचान बन चुका है। वनोपज संग्रहण और मजदूरी करके परिवार चलाने वाली सुमत्री बाई ने कभी नहीं सोचा था कि उनका अपना मजबूत घर होगा, लेकिन सरकार की योजना ने उनका यह सपना पूरा कर दिया। साक्षर न होने के बावजूद सुमत्री बाई शिक्षा का महत्व बखूबी जानती हैं। वह अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि वे उससे बेहतर जीवन पा सकंे। सुमत्री बाई को अब गांव में ही मनरेगा में नियमित काम मिल जाता है। साथ ही उन्हें कई योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है।

प्रतिमाह मिल रही पेंशन

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन के तहत मासिक पेंशन, पोषण आहार योजना से हर माह 1000 रुपए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर माह 35 किलो मुफ्त राशन, आयुष्मान कार्ड, जिससे 5 लाख तक का मुफ्त उपचार जैसी योजनाओं ने सुमत्री के जीवन की कठिनाइयों को कम किया है और भविष्य को सुरक्षित बनाया है। पीएम जनमन योजना ने केवल एक मकान नहीं दिया, बल्कि सुमत्री बाई के जीवन में सुरक्षा, सम्मान, आत्मविश्वास और भविष्य की नई उम्मीदें भर दी हैं।