
जिले में साइबर ठग सक्रिय, लाखों रुपए की कर ली गई ठगी
जिले में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और ठग अब नई तरकीबों के माध्यम से आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। व्हाट्सऐप पर भेजी जा रही नकली फाइलों के कारण लोगों के मोबाइल फोन हैक होने और बैंक खातों से राशि चोरी होने के कई मामले सामने आए हैं। साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 10 से 15 लोग इस जाल में फंस चुके हैं। इनमें से 3 से 4 पीडि़तों से लाखों रुपए की ठगी होने की पुष्टि हुई है। जबकि कई लोगों के मोबाइल और संदेश सेवा खाते नियंत्रित किए जाने के प्रमाण मिले हैं।
ठग ऐसे फाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके नाम सरकारी योजनाओं और सेवाओं के समान रखे गए हैं। इससे लोग उन्हें भरोसेमंद समझकर अपने मोबाइल में चला लेते हैं। फाइल के खुलते ही मोबाइल में छिपे दुर्भावना पूर्ण साधन सक्रिय हो जाते हैं और फोन पूरी तरह ठगों के नियंत्रण में चला जाता है। इन संदिग्ध फाइलों की सूची में ई चालन, एसआईआर, प्रधानमंत्री आवास, 5 जी पीएम किसान योजना, परिवहन ई चालन, विवाह निमंत्रण आदि शामिल है। इनमें से किसी भी फाइल को चलाते ही संदेश, ओटीपी, बैंक ऐप, संपर्क सूची, फोटो और निजी जानकारी ठगों तक पहुंच जाती है। इसके बाद वे आसानी से खाते से पैसे निकाल लेते हैं या मोबाइल का पूरा नियंत्रण हासिल कर लेते हैं।
साइबर प्रकोष्ठ ने यह भी बताया कि कुछ ठग स्वयं को बीएलओ बनकर नागरिकों से बात कर रहे हैं। पहचान की जांच, दस्तावेज अद्यतन और मोबाइल सत्यापन के नाम पर लिंक भेजकर लोगों को झांसे में लिया जा रहा है। जिले के कई नागरिक इस प्रकार की धोखाधड़ी के कारण मोबाइल हैक होने की शिकायत दे चुके हैं।
:- मोबाइल का इंटरनेट तुरंत बंद करें।
:- अपने बैंक से तुरंत संपर्क कर पासवर्ड और सुरक्षा कोड बदलें।
:- व्हाट्सऐप में जुड़े हुए यंत्र विकल्प में जाकर अनजान यंत्र हटाएं।
:- अपने डाक पत्र ईमेल का पासवर्ड बदलें।
:- स्थिति गंभीर हो तो मोबाइल को पूरी तरह पुन: स्थापित फॉर्मेट करने की सलाह दी जाती है।
यातायात प्रभारी सूबेदार यीना राहंगडाले को भी कई व्हाट्सएप यूजर्स ने ई चालान के नाम पर एपीके फाइल मिलने की सूचना दी है। उन्होंने मोबाइल यूजर्स को सतर्क रहने की सलाह दी है। सूबेदार राहंगडाले ने स्पष्ट किया कि यातायात पुलिस वॉट्सऐप पर कोई चालान नहीं भेजती है। वॉट्सऐप पर ई चालान के नाम पर भेजी जा रही एपीके फाइलें धोखाधड़ी का प्रयास हैं, जिन्हें यूजर्स को नहीं खोलना चाहिए। उन्होंने बताया कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस द्वारा बनाए गए ई चालान की तामील विभागीय पुलिसकर्मी व्यक्तिगत रूप से करते हैं। थाने की ओर से व्हाट्सएप पर चालान भुगतान के लिए कोई फाइल या जानकारी नहीं भेजी जाती है।
कोई भी सरकारी विभाग व्हाट्सएप पर फाइलें भेजकर कोई प्रक्रिया पूरी करने के लिए बाध्य नहीं करता। नागरिकों से अनुरोध है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति या नंबर से आई फाइल, संदेश या लिंक पर भरोसा न करें और तुरंत उसे हटा दें। किसी भी प्रकार की ठगी या मोबाइल हैकिंग की स्थिति में राष्ट्रीय साइबर शिकायत पोर्टल पर तत्काल शिकायत दर्ज कराने की अपील की गई है। साइबर प्रकोष्ठ ने कहा कि जागरूकता और सतर्कता ही इन बढ़ते साइबर अपराधों से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है। नागरिक स्वयं सावधान रहें तथा अपने परिवार और परिचितों को भी इस प्रकार की धोखाधड़ी से आगाह करते रहे।
Published on:
06 Dec 2025 03:19 pm
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