ईरान ने एक बार फिर परमाणु कार्यक्रम को लेकर बड़ा ऐलान किया है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को बताया घोषणा की कि अब वो अपने परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बंधा नहीं है। यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 की अवधि समाप्त होने के बाद की गई है। यह वही प्रस्ताव है जिसने 2015 के परमाणु समझौते (जेसीपीओए) को मंजूरी दी गई थी। प्रस्ताव की अवधि 18 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक रूप से खत्म हो गई। इस अवधि के खत्म होने के बाद ही अब ईरान की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा, यह प्रस्ताव तय समयरेखा के अनुसार समाप्त हो चुका है। 20 जुलाई 2015 को पारित प्रस्ताव 2231 में 10 साल की अवधि तय की गई थी, जो 18 अक्टूबर 2025 को पूरी हो गई। मंत्रालय ने कहा, आज से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी सभी शर्तें, प्रतिबंध और तंत्र खत्म हो गए हैं।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने यह भी कहा कि रूस और चीन तेहरान के साथ इस बात पर सहमत हैं कि 2015 के परमाणु समझौते का समर्थन करने वाला सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव अब 18 अक्टूबर को समाप्त हो गया है।
अब क्या चाहता है तेहरान?
तेहरान ने मांग की है कि उसके परमाणु मामले को अब सुरक्षा परिषद के एजेंडे से हटा दिया जाए और उसके साथ परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत किसी भी अन्य गैर-परमाणु हथियार वाले देश की तरह व्यवहार किया जाए।
2015 का परमाणु समझौता (जेसीपीओए) वियना में ईरान, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमरीका के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटा लिए गए थे, बदले में ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर सख्त सीमाएं लगाने पर सहमति दी थी।
हालांकि, यह समझौता बाद में लगभग टूट गया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमरीका ने एकतरफा रूप से इससे पीछे हटने का फैसला किया। इसके बाद ईरान ने भी धीरे-धीरे अपने वादों से पीछे हटना शुरू कर दिया और समझौते के कई प्रावधानों का पालन बंद कर दिया।
Published on:
20 Oct 2025 07:06 am