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सारे अवैध लोगों को बाहर निकाल दूंगा, चाहे भारत हो या कोई और, अफगान हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप की दो टूक

Trump India Migration Impact: डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान हमले के बाद तीसरी दुनिया से माइग्रेशन पर स्थायी रोक का ऐलान किया है।

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भारत

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MI Zahir

Nov 28, 2025

Trump India Migration Impact

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो: द वॉशिंगटन पोस्ट.)

Trump India Migration Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थैंक्स गिविंग के दिन इमिग्रेशन पर कड़ा रुख अपनाते हुए तीसरी दुनिया के देशों से माइग्रेशन (Trump India Migration) को 'स्थायी रूप से रोकने' का ऐलान किया है। उनका यह बयान व्हाइट हाउस के पास एक अफगान नागरिक द्वारा दो नेशनल गार्ड सैनिकों की हत्या होने के फौरन बाद आया है। ध्यान रहे कि ट्रंप ने जो बाइडेन के दौर में लाखों अवैध प्रवेश रद्द करने और 'रिवर्स माइग्रेशन' शुरू करने का वादा किया था, लेकिन भारत के लिए यह सबसे चिंताजनक है, क्योंकि अमेरिका में 7.25 लाख अवैध भारतीय प्रवासी हैं, जो अब डिपोर्टेशन (Indian Deportation US) के डर से सहमे हुए हैं। ऐसे में H-1B वीजा पर निर्भर लाखों आईटी प्रोफेशनल्स और ग्रीन कार्ड वेटिंग लिस्ट में फंसे 4 लाख भारतीयों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं भारत पर इसका पूरा असर।

अफगान हमले ने ट्रिगर किया बैन: भारत के लिए क्या खतरा ?

व्हाइट हाउस के पास 28 नवंबर 2025 को अफगान हमलावर ने दो सैनिकों को मार डाला, जिसे ट्रंप ने 'चेतावनी' बताया। उन्होंने कहा कि बाइडेन के समय अफगानिस्तान निकासी में जांच न होने के कारण हजारों लोग यूएस में घुस आए, जो अब अपराध और बोझ बन गए।

डोनाल्ड ट्रंप का प्लान

तीसरी दुनिया से माइग्रेशन पर फुल स्टॉप, अवैध एंट्री रद्द और डिपोर्टेशन। इसमें भारत शामिल है। भारत के लिए बुरा समाचार है– सन 2024 में ही 1,500 भारतीय अवैध प्रवासी डिपोर्ट हो चुके हैं। जबकि 2025 में फरवरी तक 4,300 भारतीयों पर ED ने जांच शुरू की, जो अवैध US एंट्री के लिए ट्रेवल एजेंट्स से जुड़े थे। अमृतसर में फरवरी में 104 भारतीयों को चेन-हैंडकफ में मिलिट्री प्लेन से वापस भेजा गया।

H-1B और ग्रीन कार्ड पर मार: भारतीय आईटी वर्कर्स सबसे ज्यादा प्रभावित

भारत H-1B वीजा का सबसे बड़ा यूजर है – 70% से ज्यादा वीजा भारतीयों को मिलते हैं। ट्रंप की नई पॉलिसी में सख्त बैकग्राउंड चेक, पब्लिक बेनिफिट्स (जैसे वेलफेयर) पर रोक और 'सुरक्षा जोखिम' वालों का डिपोर्टेशन शामिल है।

यूएस ग्रीन कार्ड पर भी रिव्यू

जून 2025 के ऑर्डर में 19 देशों (जिनमें भारत नहीं) पर फोकस, लेकिन ट्रंप का नया बैन व्यापक है। इससे 4 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड वेटर्स की राह कठिन हो जाएगी।

इससे छात्रों पर असर

कंप्यूटर साइंस जैसी स्कॉलरशिप पर फैमिली दोबारा सोच रही, जैसे लखनऊ की परीधि उपाध्याय ने प्लान कैंसल कर दिया।

रिवर्स माइग्रेशन का प्लान: भारत लौटेंगे हजारों लोग ?

ट्रंप का 'रिवर्स' प्लान: नॉन-सिटिजन जो 'पब्लिक चार्ज' या 'अपराधी' हैं, उन्हें वापस आना होगा। मई 2025 में US ने भारतीय ट्रेवल एजेंट्स पर वीजा प्रतिबंध लगाया, जो अवैध माइग्रेशन में मदद करते थे। अप्रेल 2025 तक 682 भारतीय डिपोर्ट हो चुके हैं। ट्रंप ने कहा, "53 मिलियन फॉरेन-बॉर्न वेलफेयर पर हैं, जो अपराधी देशों से आए।" भारत के लिए चिंता का विषय है: 14 मिलियन अन डॉक्युमेंटेड में 7.25 लाख भारतीय, जो कृषि, टेक और सर्विस सेक्टर में काम करते हैं। इससे अर्थव्यवस्था पर असर – US GDP का भारतीय माइग्रेंट्स के माध्यम से 1-2% योगदान है।

भारत सरकार का रिएक्शन: क्या होगा अगला कदम ?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी चुप्पी साध रखी है, लेकिन मई 2025 में कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में कहा कि ज्यादातर डिपोर्ट भारतीय अवैध एंट्री वाले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को US से डिप्लोमेसी बढ़ानी होगी। प्रोजेक्ट 2025 में ट्रंप का प्लान फैमिली इमिग्रेशन और डाइवर्सिटी वीजा खत्म करने का है, जो भारतीयों को प्रभावित करेगा। ऐसे में छात्र और प्रोफेशनल्स अब कनाडा-ऑस्ट्रेलिया की ओर रुख कर रहे हैं।

कोर्ट केस और विरोध प्रदर्शन होना तय

ट्रंप का यह बैन अमेरिका को 'ठीक' करने का दावा करता है, लेकिन भारत के लाखों परिवारों के सपनों पर पानी फेर सकता है। क्या भारत-US रिश्ते टूटेंगे? आने वाले हफ्तों में कोर्ट केस और विरोध प्रदर्शन होना तय है। TrumpBanIndia ट्रेंड कर रहा, NRI कम्युनिटी डरी हुई है, जबकि कुछ कह रहे "अवैध जाना बंद करो"। US में भारतीय एसोसिएशन्स प्रोटेस्ट प्लान कर रहे हैं।

भारतीय सोशल मीडिया पर हंगामा

ट्रंप कार्यकारी आदेश जारी कर सकते हैं, भारत सरकार डिप्लोमेटिक चैनल से बातचीत शुरू करेगी। H-1B लॉबिंग बढ़ेगी, कोर्ट में चैलेंज संभव है। बहरहाल, यह बैन US इकोनॉमी को नुकसान पहुँचा सकता है, क्योंकि भारतीय टेलेंट टेक इंडस्ट्री चलाता है। भारत में रिटर्नी माइग्रेंट्स जॉब मार्केट बढ़ाएंगे, लेकिन रेमिटेंस (2024 में $100 बिलियन) कम हो सकता है।