
Chinese Astronauts Return Delay: चीन के तीन साहसी अंतरिक्षवीरों ने कक्षा में घूमते मलबे से टूटे कैप्सूल की बाधा पार कर 9 दिनों की देर के बाद शुक्रवार को तियांगोंग स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर विजयी वापसी (Chinese Astronauts Return) की। इस घटना से न केवल चीन के स्पेस मिशन की मजबूती साबित हुई है, बल्कि अंतरिक्ष की छिपे खतरे भी सामने आए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अप्रेल 2025 में जियुक्वान लॉन्च सेंटर (Tiangong Space Station) से रवाना शेनझोउ-20 मिशन (Shenzhou-20 Mission) के लीडर चेन डोंग, उनके साथी चेन झोंग्रुई और वांग जिए ने तियांगोंग पर छह महीने की ड्यूटी पूरी की। वे शेनझोउ-21 के नए सदस्यों के पहुंचने के चार दिन बाद, यानि 5 नवंबर को घर लौटने वाले थे (Orbital Debris Delay), लेकिन किस्मत पलट गई (Space Debris Damage)। CMSA ने खुलासा किया कि लौटने वाले कैप्सूल के एक शीशे पर बारीक चीरे दिखे, जो शायद ऑर्बिट में तैरते कचरे से टक्कर की देन थे। खतरे के कारण पूरी रणनीति ही बदल दी गई।
स्पेस कचरा – पुराने उपग्रहों, रॉकेट अवशेषों के सूक्ष्म कण – पृथ्वी की परिक्रमा में बुलेट स्पीड से भाग रहे हैं। इनकी संख्या लाखों में है, और ये हर मिशन के लिए गंभीर संकट हैं। CMSA की जांच में पुष्टि हुई है कि शेनझोउ-20 के शीशे पर चीरे इसी कचरे से लगे। अंतरिक्षवीरों को 9 अतिरिक्त दिन स्टेशन पर गुजारने पड़े, जहां वे नए साथियों के साथ मिलजुल कर प्रयोग करते रहे। उनके साथ चार चूहे भी थे, जिन पर गुरुत्वहीनता और अलगाव के प्रभाव का परीक्षण चल रहा था। यह शोध स्पेस में छोटे जीवों की प्रजनन विधियों को मजबूत बनाएगा।
इन वीरों ने खराब शेनझोउ-20 को ऑर्बिट में ही रहने दिया और नए आए शेनझोउ-21 कैप्सूल से वापसी चुनी, जो ताजा क्रू को स्टेशन पहुंचा चुका था। शुक्रवार को बीजिंग समय शाम 4:40 बजे उत्तर चीन के इनर मंगोलिया स्थित डोंगफेंग साइट पर कैप्सूल ने छलांग लगाई। पैराशूट फैलते ही रेतीले मैदान में धूल का विशाल बादल उड़ा। स्वास्थ्य दल ने फौरन जांच की – सभी बिल्कुल फिट मिले! चेन डोंग उतरते ही बोले, "स्पेस खोज आसान नहीं, लेकिन मुश्किलें ही हमें यह रास्ता चुनने की प्रेरणा देते हैं।" यह उनकी तैयारी का सच्चा इम्तिहान था।
यह विलंब यात्रियों के स्पेस ठहराव को 204 दिनों तक ले गया, जो तियांगोंग पर किसी चीनी अंतरिक्षवीर का अब तक का सबसे बड़ा समय है। चेन डोंग के नाम पहले से 380 दिनों से अधिक का स्पेस अनुभव और छह स्पेसवॉक का कीर्तिमान है। मिशन में उन्होंने स्टेशन की बाहरी ढाल मजबूत करने पर जोर दिया, जो ठीक स्पेस कचरे से सुरक्षा के लिए था। गौरतलब है कि देरी के दौरान उन्होंने नए क्रू को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी थी।
यह फेरबदल तियांगोंग के भावी अभियानों पर असर डाल सकता है। शेनझोउ-21 का क्रू अब बिना अपना कैप्सूल के अटका हुआ है। CMSA ने शेनझोउ-22 की उड़ान की घोषणा की, लेकिन तारीख नहीं बताई। सामान्यतः हर छह महीने में क्रू अदला-बदली होती है, लेकिन अब शिड्यूल खिसक सकता है। तियांगोंग – अर्थ 'स्वर्गीय किला' – 2021 से सक्रिय है और ISS से आकार में छोटा, मगर यह पूरी तरह स्वदेशी है। अमेरिकी सुरक्षा आशंकाओं से ISS से अलग रखने के बाद चीन ने इसे विकसित किया।
बहरहाल सीसीटीवी ने इसकी उतराई का लाइव कवरेज दिखाया। रेगिस्तान में चीनी ध्वज तेज हवा में फहरा रहा था। वीरों को नारंगी वाहनों में ले जाया गया। यह अभियान चीन के सेना-नियंत्रित स्पेस प्रोजेक्ट का गौरव चिह्न है। हाल में चीन ने 9 घंटे के स्पेसवॉक से अमेरिकी रिकॉर्ड ध्वस्त किया और 2026 में पाकिस्तानी अंतरिक्षवीर को बुलाने की तैयारी है। उसका 2030 तक चंद्रमा पर मानव भेजने का सपना है।
Updated on:
14 Nov 2025 06:27 pm
Published on:
14 Nov 2025 06:23 pm

