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पाकिस्तान का अल्टीमेटम: क्या अफगानिस्तान के साथ वार्ता विफल होने पर शुरू होगा सैन्य टकराव ?

Cross-border terrorism: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि सीमा सुरक्षा वार्ता विफल होने पर बल प्रयोग किया जाएगा।

भारत

MI Zahir

Sep 29, 2025

Cross-border terrorism
पाकिस्तान में सीमा पार आतंकवाद। (फोटो: एएनआई.)

Cross-border terrorism: पाकिस्तान ने तालिबान (Taliban security talks) को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर सीमा सुरक्षा पर चल रही बातचीत नाकाम रही तो वह सख्त कदम उठाएगा। पाकिस्तान का कहना है कि आतंकवाद न केवल उसकी अपनी स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए खतरा है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की शांति को भी प्रभावित कर सकता है। पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी (Talal Chaudhary) ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर तालिबान के साथ बातचीत से सीमा पार आतंकवाद (Cross-border terrorism) रोकने में सफलता नहीं मिली, तो पाकिस्तान "हथियारों की भाषा" बोलेगा। उन्होंने आतंकवाद को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया और कहा कि अशांत इलाकों में चल रहे अभियान आंतरिक शांति और निवेश के लिए जरूरी हैं। चौधरी ने दावा किया कि हाल के आतंकी हमलों में शामिल ज्यादातर लोग अफगान नागरिक थे। इसके चलते पाकिस्तान सीमा पर कड़ा नियंत्रण करने की योजना बना रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश हर तरह के सुरक्षा खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि विकास के लिए शांति और सुरक्षा पहली शर्त है।

बढ़ती हिंसा और क्षेत्रीय चिंता(Pakistan Afghanistan tensions)

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और जनजातीय क्षेत्रों में हाल के महीनों में आतंकी हमले बढ़े हैं। लगभग हर हफ्ते सैनिकों, पुलिसकर्मियों और आम नागरिकों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। इन हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान का यह सख्त रुख अफगानिस्तान से होने वाले आतंकवाद और तालिबान की ओर से ठोस जवाब न मिलने की निराशा को दिखाता है। अगर दोनों देशों के बीच सहयोग नहीं बढ़ा, तो हिंसा और बढ़ सकती है, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा है।

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की अपील

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को "बाहरी प्रायोजित आतंकवाद" का सामना करना पड़ रहा है, जो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। शरीफ ने वैश्विक समुदाय से इस समस्या से निपटने के लिए एकजुट होने की अपील की। उनका कहना था कि आतंकवाद केवल पाकिस्तान की समस्या नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए चुनौती है।

निर्वासित अफगानों की मुश्किलें

दूसरी ओर, अफगानिस्तान से निर्वासित किए गए लोगों ने पाकिस्तान में पुलिस के बुरे बर्ताव और वापसी की मुश्किलों की शिकायत की है। कई लोग इस्लामिक अमीरात और सहायता संगठनों से आश्रय और मदद की मांग कर रहे हैं। यह स्थिति दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है।

हालात बिगड़ सकते हैं

बहरहाल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद और आतंकवाद को लेकर तनाव लंबे समय से चला आ रहा है। अगर दोनों देश रचनात्मक बातचीत के जरिये समाधान नहीं निकालते, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए दोनों पक्षों को आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।