Pakistan Funding for LeT: पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत की कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) में तबाह हो चुके लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय को पाकिस्तान फिर से खड़ा करने की तैयारी में जुटा हुआ है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार और सेना ने इस आतंकी संगठन को करोड़ों रुपये की फंडिंग दी है, जिससे मुरीदके स्थित मरकज तैयबा का पुनर्निर्माण तेजी से चल रहा है। यह विकास भारत के लिए एक नई चुनौती के रूप में उभर रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीति को और मजबूत करता नजर आ रहा है।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में LeT के मुख्यालय पर सटीक हवाई हमला बोला था। इस हमले में मरकज तैयबा का करीब 70% हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया था। मुख्यालय में कैडर के आवास, हथियार भंडारण और ट्रेनिंग सेंटर 'उम्म-उल-कुरा' जैसे महत्वपूर्ण हिस्से नष्ट हो गए थे।
भारतीय अधिकारियों ने इसे आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति का हिस्सा बताया था, जो पाकिस्तान के प्रॉक्सी वॉर को रोकने का संदेश था। लेकिन, पाकिस्तान ने सबक लेने के बजाय उल्टा कदम उठाया है।
हालिया खुफिया इनपुट्स के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने LeT को 4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (करीब 1.25 करोड़ भारतीय रुपये) की शुरुआती फंडिंग दे दी है। कुल पुनर्निर्माण पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह फंडिंग बाढ़ राहत कोष से ली गई है, जो पहले भी 2005 के भूकंप के समय आतंकी संगठनों को चुपके से मदद पहुंचाने के लिए इस्तेमाल हो चुकी है। LeT के कमांडर मौलाना अबु जर और यूनुस शाह बुखारी इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुनर्निर्माण का लक्ष्य 5 फरवरी 2026 को 'कश्मीर एकजुटता दिवस' से पहले पूरा करना है। इस दिन पाकिस्तान भारत-विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाता है। नए मुख्यालय को ट्रेनिंग, ब्रेनवॉशिंग और आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने की योजना है। LeT, जो 2008 के मुंबई हमलों जैसी घटनाओं के पीछे था, अब पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के पूर्ण समर्थन से अपनी ताकत बहाल करने की कोशिश कर रहा है।
भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरे की घंटी है। पूर्व आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाने ने कहा, "पाकिस्तान की यह दोहरी नीति आतंकवाद को बढ़ावा देती है। भारत को अपनी सतर्कता बनाए रखनी होगी।" ऑपरेशन सिंदूर ने LeT को कमजोर किया था, लेकिन पाकिस्तान का यह प्रयास दिखाता है कि इस्लामाबाद अभी भी 'ब्लीड इंडिया' रणनीति पर कायम है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी मसूद अजहर से जुड़े जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर भी इसी ऑपरेशन में हमला हुआ था, और वहां भी पुनर्निर्माण की खबरें सामने आ रही हैं। भारत सरकार ने कहा है कि कोई भी उकसावा मिलने पर जवाबी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित है।
Published on:
15 Sept 2025 01:42 pm