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नोबेल समिति की दो टूक, Trump का नहीं चलेगा दबाव

Nobel Peace Prize को लेकर डोनाल्ड ट्रंप बेहद आतुर हैं। ट्रंप कई बार बयान भी दे चुके हैं। जानिए नार्वे की नोबेल पुरस्कार समिति ने ट्रंप के बयानों पर क्या कहा...

Donald Trump Jeffery Epstein
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo: IANS)

Nobel Peace Prize: अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की नोबल शांति पुरस्कार के लिए आतुरता किसी से छिपी नहीं है। ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने 7 युद्ध रुकवाए हैं और इसके लिए तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने इसके लिए कई देशों जैसे पाकिस्तान, इजरायल, अजरबैजान से अनुशंसा भी करवाई है। लेकिन ट्रंप की इन दबाव बनाने वाली हरकतों का असर नार्वे की नोबेल पुरस्कार समिति पर दिखाई नहीं दे रहा। नॉर्वे की नोबेल कमेटी का कहना है कि नोबेल पुरस्कार के निर्णय में हम पर किसी तरह का दबाव नहीं चलता है। हम पूरी स्वायत्ता और स्वतंत्रता के साथ फैसले लेते हैं।

मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में नोबेल कमेटी के सचिव क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने कहा, ’यह सही है कि किसी खास कैंडिडेट को लेकर मीडिया में काफी चर्चा है। लेकिन यह भी सच है कि इससे हमारे फैसले पर कोई असर नहीं पड़ता। हम अपने मानकों के अनुसार ही निर्णय लेते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत से उनके हालिया संबंधों में गिरावट के पीछे भी उनकी नोबेल पुरस्कार की चाहत ही है। ट्रंप चाहते थे कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी भी उन्हें नामांकित करें, पर भारत ने इस पर गौर नहीं किया।

10 अक्टूबर को होने वाला है नोबेल पुरस्कार का ऐलान

गौरतलब है कि इस साल के नोबेल पुरस्कारों का ऐलान 10 अक्टूबर को होने वाला है। अनुमानों के अनुसार, ट्रंप को इस बार यह पुरस्कार मिलने की संभावना बहुत कम है। ए€सपर्ट तो यहां तक कह चुके हैं कि अब अगर ट्रंप को यह पुरस्कार को मिलता है तो अब इस पुरस्कार की साख खत्म हो जाएगी। भारत के सुपर स्टार सलमान खान भी ट्रंप पर तंज कस चुके हैं कि जो लोग सबसे ज्यादा अशांति बढ़ा रहे हैं, उन्हें शांति पुरस्कार चाहिए!