इज़रायल (Israel) के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने शुक्रवार को अमेरिका (United States Of America) के न्यूयॉर्क (New York) शहर में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा - यूएनजीए (United Nations General Assembly - UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित किया। उनके संबोधन का कई देशों के प्रतिनिधियों ने बॉयकॉट किया और यूएन हॉल से चले गए। हालांकि इसके बावजूद इज़रायली पीएम ने अपना संबोधन दिया।
नेतन्याहू ने अपने संबोधन में उन सभी पश्चिमी देशों को लताड़ लगाई जिन्होंने फिलिस्तीन (Palestine) को मान्यता दी। नेतन्याहू ने साफ तौर पर फिलिस्तीन को आधिकारिक दर्जा देने का विरोध किया। नेतन्याहू ने 'टू-स्टेट' सॉल्यूशन को खारिज कर दिया है। नेतन्याहू ने कहा कि इज़रायल और फिलिस्तीन, शांतिपूर्ण एक-साथ अस्तित्व में नहीं रह सकते।
नेतन्याहू ने अपने संबोधन में साफ कर दिया कि इज़रायल का लक्ष्य हमास का खात्मा है। उन्होंने कहा कि उनकी सेना तब तक युद्ध जारी रखेगी जब तक हमास हथियार डालकर सरेंडर न कर दे और उसकी कैद में सभी बंधकों की रिहाई न हो जाए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचने के लिए नेतन्याहू को अपना रास्ता बदलना पड़ा। दरअसल अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी हुआ है। ऐसे में उनका विमान ऐसे किसी भी देश के एयरस्पेस में नहीं घुस सकता था जो आईसीसी का सदस्य देश है। इसी वजह से नेतन्याहू, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, आयरलैंड और ब्रिटेन जैसे देशों के एयरस्पेस से बचते हुए अपना रास्ता बदलकर न्यूयॉर्क पहुंचे।
Published on:
27 Sept 2025 10:54 am