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कौन हैं परमिता त्रिपाठी, क्या राजदूत बदलने से भारत और कुवैत के रिश्तों पर असर पड़ेगा ?

Paramita Tripathi Ambassador Kuwait: भारत सरकार ने परमिता त्रिपाठी को कुवैत में भारत की नई राजदूत नियुक्त किया है।

भारत

MI Zahir

Sep 12, 2025

Paramita Tripathi Ambassador Kuwait
कुवैत में भारत की नई राजदूत वरिष्ठ राजनयिक परमिता त्रिपाठी को बनाया गया है। ( फोटो: एएनआई.)

Paramita Tripathi Ambassador Kuwait: भारत सरकार ने कुवैत में भारत की नई राजदूत (Indian Ambassador to Kuwait 2025) के तौर पर वरिष्ठ राजनयिक परमिता त्रिपाठी की नियुक्ति की है। परमिता त्रिपाठी (Paramita Tripathi IFS profile) जल्द ही कुवैत में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस नई नियुक्ति के बाद एक सवाल सामने आता है–क्या इससे भारत और कुवैत के रिश्तों में कोई बड़ा बदलाव आएगा ? भारत और कुवैत के बीच लंबे समय से गहरे और मैत्रीपूर्ण संबंध (India Kuwait relations) रहे हैं। इन रिश्तों की नींव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव पर टिकी है। दोनों देशों ने 2021-22 में अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाई थी। यह एक अहम पड़ाव था, जिसने दोनों देशों के सहयोग को और मजबूती दी।

भारत की संयुक्त सचिव परमिता त्रिपाठी कुवैत में राजदूत नियुक्त। (फोटो: एक्स हैंडल.)

भारत की नई कुवैत राजदूत परमिता त्रिपाठी : एक नजर (Paramita Tripathi biography)

परमिता त्रिपाठी एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक हैं, जो हाल ही में कुवैत में भारत की अगली राजदूत नियुक्त की गई हैं। वे 2001 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं और अब तक भारतीय विदेश मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं। उनकी शिक्षा और सेवा दोनों ही बेहद प्रभावशाली रही है। भारतीय विदेश सेवा में आने के बाद उन्होंने कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। विदेश मंत्रालय में रहते हुए वे संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत रही हैं, जो एक उच्चस्तरीय प्रशासनिक जिम्मेदारी है। उनकी विशेषज्ञता खासतौर पर द्विपक्षीय संबंध, बहुपक्षीय वार्ताएं, और विदेश नीति के रणनीतिक पहलुओं में रही है।

कुवैत यात्रा में क्या हुए अहम समझौते ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2024 में कुवैत यात्रा भारत-कुवैत संबंधों के इतिहास में एक मील का पत्थर रही। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने रिश्ते को 'रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा दिया।

कार्यकारी कार्यक्रमों पर भी हस्ताक्षर

इस दौरान रक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और खेल के क्षेत्र में कई समझौते किए गए। वर्ष 2025 से 2029 तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेल में सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रमों पर भी हस्ताक्षर हुए।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बढ़ रहा सहयोग ?

कुवैत ने दिसंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की संधि पर हस्ताक्षर किए और मई 2025 में इसे आधिकारिक रूप से मंजूरी दी। इससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग और बढ़ेगा।

नागरिक उड्डयन पर भी एक नया समझौता

वहीं, हाल ही में 8 जुलाई 2025 को भारत और कुवैत की वित्तीय खुफिया इकाइयों (FIU) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, 15 जुलाई को नागरिक उड्डयन पर भी एक नया समझौता हुआ।

विदेश कार्यालय परामर्श में क्या हुई चर्चा ?

नई दिल्ली में 26 अगस्त 2025 को भारत और कुवैत के बीच 7वें विदेश कार्यालय परामर्श का आयोजन हुआ। भारत की ओर से इसमें विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (खाड़ी) असीम आर. महाजन और कुवैत की ओर से एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री राजदूत समीह ईसा जौहर हयात ने भाग लिया। इस बैठक में दोनों देशों ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, निवेश, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार किया।

नई राजदूत के आने से क्या बदलेगा ?

राजदूत का काम सिर्फ राजनयिक बातचीत करना नहीं होता, बल्कि यह उस देश की नीतियों को आगे बढ़ाने, व्यावसायिक रिश्तों को मज़बूत करने और लोगों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने का माध्यम भी होता है। परमिता त्रिपाठी जैसे अनुभवी राजनयिक के आने से भारत और कुवैत के बीच बने रणनीतिक रोडमैप को ज़मीन पर उतारने में मदद मिलेगी। भारत और कुवैत आने वाले समय में खासकर प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान बनी दिशा-रेखा के अनुरूप अपने द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में काम करते रहेंगे।

भारत और कुवैत के रिश्ते और मजबूत होंगे

बहरहाल भारत और कुवैत के रिश्तों में पहले से ही मजबूती है, लेकिन नई राजदूत परमिता त्रिपाठी की नियुक्ति से इन संबंधों को और नई दिशा और ऊर्जा मिल सकती है। यह साझेदारी सिर्फ कागज़ी नहीं, बल्कि व्यावहारिक और भविष्य की संभावनाओं से भरपूर है।

(इनपुट क्रेडिट: एएनआई.)