Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Google का यह कर्मचारी 3 महीने तक कार में क्यों सोया, उसकी आपबीती जानकर आपकी आंखें भी हो जाएंगी नम

Google Employee: गूगल में नौकरी करने के लिए एक कर्मचारी को तीन महीने तक कार में ही सोना पड़ा। इस कर्मचारी की आपबीती सुनकर हर किसी की आंखें नम हो जाएंगी।

Google Office
गूगल ऑफिस (फाइल फोटो)

Google Employee: गूगल में नौकरी पाना सपना होता है, लेकिन एक कर्मचारी ने इसे सच करने के लिए जो कीमत चुकाई, उसकी कहानी सुनकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। 2019 में गूगल में कॉन्ट्रैक्ट रोल पाने वाले इस युवा ने तीन महीने तक अपनी कार में सोकर गुजारे, क्योंकि Bay Area का किराया उसके लिए आसमान छू रहा था।

इंटरव्यू में झूठ, नौकरी पक्की

सांता बारबरा में रहने वाले इस कर्मचारी ने गूगल के हायरिंग मैनेजर से कहा, 'मेरे Bay Area में परिवार है, मैं लोकल काम कर सकता हूं।' सच यह था कि वे माउंटेन व्यू स्थित गूगल मुख्यालय से 300 मील दूर रहते थे। AI फील्ड में बढ़ते अवसरों के बीच यह नौकरी उनके लिए ब्रेक थी। उन्होंने सोचा, 'पहले नौकरी पक्की कर लूं, रहने का इंतजाम बाद में देखूंगा।'

किराया असंभव, कार बना घर

नौकरी मिली, लेकिन रहने की समस्या जस की तस। सांता बारबरा में उनका लीज चार महीने बाकी था, जिसे तोड़ना मुमकिन नहीं था। Bay Area में एक बेडरूम अपार्टमेंट का मीडियन किराया $3,600 प्रति माह (भारतीय रुपये में करीब 3,19,212) था। दो किराए एक साथ देना नामुमकिन है। फिर दिमाग में आइडिया आया, 'क्या मुझे पूरे अपार्टमेंट की जरूरत है?' गूगल कैंपस में मुफ्त खाना, जिम, शावर और लॉन्ड्री की सुविधा थी। बस एक समस्या थी-उनके पास मोटरसाइकिल थी, कार नहीं। नौकरी शुरू होने से पहले एक महीने में उन्होंने कार खरीद ली।

तीन महीने का संघर्ष

कार अब उनका घर बन गई। दिन में काम, रात में पार्किंग में सोना। गोपनीयता नाममात्र, सुरक्षा का डर, लेकिन नौकरी बची रहे-यही मकसद था। वे बताते हैं, 'मैंने खुद से वादा किया था कि यह अस्थायी है। गूगल में एंट्री मिल जाए, तो करियर बन जाएगा।' तीन महीने तक कार में सोना आसान नहीं था। ठंड, शोर, नींद की कमी – हर दिन नई जंग।

सच हुआ सपना

आखिरकार लीज खत्म हुई और वे Bay Area में शिफ्ट हुए। आज वे स्थायी कर्मचारी हैं, लेकिन उस दौर को याद कर कहते हैं, 'ने जो झूठ बोला, वह गलत था। लेकिन अगर आज लौटकर देखूं, तो शायद वही झूठ मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट बना।'