बस्तर राइजिंग’ के माध्यम से बीजापुर की संस्कृति, पारंपरिक खान-पान और जनजीवन को जो पहचान मिल रही है।
पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि आदिवासी समाज की गौरवशाली परंपरा को नई ऊँचाई भी प्रदान करेगी।
बीजापुर की आदिवासी रसोई के पारंपरिक स्वाद की झलक देखने को मिली।
स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखकर प्रतिनिधिमंडल बीजापुर की सांस्कृतिक मिठास में डूब गया।
प्रतिनिधियों ने इन व्यंजनों की परंपरागत विधियों और उनके सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानकारी भी ली।