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Nagaur patrika…बिजली के तारों में उलझा शहर, बाजारों के ऊपर मौत का मकडज़ाल…VIDEO

नागौर. शहर बिजली के तारों के मकडज़ाल में फंसा हुआ है। विशेषकर नागौर के बाजारों की हालत ज्यादा खराब है। सघन बाजार वाले क्षेत्रों में बिजली के झूलते तारों के साथ उलझे यह यह मकडज़ाल अब डराते हुए नजर आने लगे हैं। हालांकि इसे व्यवस्थित करने के लिए पूर्व में प्राफिट मेकिंग सिटी येाजना भी […]

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नागौर. शहर बिजली के तारों के मकडज़ाल में फंसा हुआ है। विशेषकर नागौर के बाजारों की हालत ज्यादा खराब है। सघन बाजार वाले क्षेत्रों में बिजली के झूलते तारों के साथ उलझे यह यह मकडज़ाल अब डराते हुए नजर आने लगे हैं। हालांकि इसे व्यवस्थित करने के लिए पूर्व में प्राफिट मेकिंग सिटी येाजना भी आई थी। उसमें दावा किया गया था कि तारों के जाल हटाए जाने के साथ ही शहर के बिजली जालों को व्यस्थित कर दिया जाएगा, मगर ऐसा हुआ नहीं। अभी प्रमुख बाजारों की स्थिति बेहतर नहीं हो पाई है।
बाजारों के हाल-बेहाल- अव्यवस्थित तारों के जाल
शहर के गांधी चौक के निकट स्थित सदर बाजार की हालत बेहद खराब है। यहां पर प्रवेश करते ही सीधा सामना तारों के मकडज़ाल से होता है। गलती से स्पार्किंग हो जाए तो फिर मुश्किल खड़ी हो सकती है। एक-दूसरे से उलझे इन तारों के जाल को देखकर समझना मुश्किल है कि तारों की संख्या है आखिर कितनी। यह स्थिति सदर बाजार के बिलकुल केन्द्र में बनी हुई है। तिगरी बाजार एवं तहसील चौक के साथ ही पंसारी बाजार की स्थिति भी इससे बिलकुल अलग नहीं है। विशेष बात यह है कि सारी स्थितियां ऐसी जगहों पर हैं, जहां खरीदारी के लिए सर्वाधिक भीड़ होती है। इन बाजारों में घूमने पर बेहद खतरनाक स्थितियां खुद-ब-खुद नजर आ जाती है। इसी रास्ते से आगे मच्छियों का चौक की ओर जाने पर भी यही हालत मिलती है। यहां तो स्थिति और भी खराब हो चुकी है। कई जगहों पर टेढ़े-मेढ़े पोलों के साथ ही बिजली के उझले तार अनहोनी को आमंत्रण देते हुए नजर आते है। इसी रास्ते से आगे काठडिय़ा का चौक एवं लोहियों का चौक की ओर बढऩे पर बद से बदतर हालत बिजली के उलझे तारों के मकडज़ाल के साथ ही आड़े-तिरछे अंदाज में खड़े पोल दिख जाते हैं। इनको देखने से एक डर का भी एहसास होता है कि पता नहीं कब तेज हवा चले, और यह जमीनदोंज हो जाएं। इस तरह की अनहोनी की आशंका आसपास के बाशिंदों को भी हमेसा डराती रहती है। क्षेत्र के मुकेश, रघुनाथ, गणेश , रामेश्वर , बाबूलाल एवं ओमप्रकाश कहते हैं कि यह स्थिति तो लंबे समय से बनी हुई है। कई बार इस संबंध में बिजली विभाग में लिखित रूप से शिकायत भी कर चुके हैं, मगर स्थिति जस की तस बनी हुई।
कागजों में ही चली योजना, कहां गई पता नहीं
करीब दो साल पहले डिस्कॉम नागौर शहर प्राफिट मेकिंग सिटी योजना में चुना गया था। इस योजना में चुने जाने के बाद अधिकारियों ने दावा किया था कि शहर को पूरी तरह से बिजली कटौती से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही तारों के जाल को भी हटा दिया जाएगा। छीजत पर लगाम लगने के साथ ही अनावश्यक तारों का जाल भी हटाकर उसे पूरी तरह से इंसुलेटयुक्त जाने के दावों के साथ ही शहर को बिजली समस्याओं से पूरी तरह मुक्त करने का वायदा किया गया था। अब दो साल भी बाद न तो शहर के बिजली तारों के मकडज़ाल की स्थिति में कोई परिवर्तन आया, और न ही यह शहर एवं इसके आसपास का एरिया कटौती मुक्त हुआ। अभी भी घोषित एवं अघोषित कटौती जारी है।

क्या कहते हैं अधिकारी…
इस विषय में अजमेर विद्युत वितरण निगम सहायक अभियंता कैलाश जैन का कहना है शहर की बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए कई जगह तार बदले गए हैं और नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। धीरे-धीरे पुराने तारों का जाल हटाया जा रहा है। कुछ मुख्य मार्गों पर सुधार कार्य पूरा भी हुआ है। हालांकि, ज़मीनी हकीकत में अभी भी अधिकांश बाजारों की
तस्वीर जस की तस है। भीड़भाड़ वाले इलाके आज भी स्पार्किंग जोन बन चुके हैं, जहां बिजली के तार कभी भी जानलेवा बन सकते हैं।