नागौर. धनतेरस शनिवार को है। इस मौके पर बाजारों में धन वर्षा होती है। परंपरागत खरीद में सोने, चांदी के जेवरातों की विविधि डिजाइनदार वेराइटियों के साथ ही कपड़ों एवं फैंसी आइटम्स से बाजार सज गया है। बाजार में मिट्टी के दीयों के साथ ही मिट्टी से ही निर्मित झालरों के संग पूरे बाजार का रंग बदला हुआ है। किले की ढाल से लेकर गांधी चौक एवं दिल्ली दरवाजा आदि क्षेत्रों में दुकानों पर सजे सामानों के साथ ही बिजली के रंगीन झालरों से बाजार सजा हुआ है। विशेषकर ज्वेलर्स को उम्मीद है कि सोने एवं चांदी के भाव इस बार अन्य वर्षों की अपेक्षा मंहगे जरूर हैं, लेकिन फिर भी शगुन के तौर पर इनकी खरीदारी निश्चित रूप से की जाती है। इसलिए ज्वेलर्स की दुकानों पर चांदी के गणेश-लक्ष्मी, कुबेर के साथ ही शुभ चिह्नो में कछुआ, मछली आदि की वेराइटियां सजा दी गई है।
धनतेरस का स्वागत करने के लिए बाजार सज गए हैं। इलेक्ट्रानिक्स सामानों के साथ ही कपड़े, ज्वेलरी, बरतन, मिठाई, नमकीन आदि दुकानों पर सजा दिए गए हैं। शहर के सुगन सिंह सर्किल, अहिंसा सर्किल, नया दरवाजा एवं सदर बाजार का रंग बदला हुआ है। रंग-बिरंगी रोशनियों में नहाया हुआ बाजार अब धनतेरस के साथ ही दीपावली का स्वागत करने के लिए तैयार हो चुका है। विशेष बात यह है कि इस बार दीपोत्सव की चमक केवल सोने, चांदी में ही नहीं, बल्कि मिट्टी निर्मित उत्पादों में भी दिख रही है। सजावटी डिजाइनदार झालरों के साथ ही अब मिट्टी के दीयों के प्रति लोगों में फिर से दिलचस्पी जगी है। गांधी चौक में मिट्टी निर्मित सामानों में झालरों के साथ रंगीन आकारों में ढले मिट्टी के दीये भी आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। शुक्रवार को लोग मिट्टी के दीयों की खरीद करते नजर आए। मिट्टी के दीयों की खरीद के प्रति लोगों की जगी दिलचस्पी से दुकानदार भी उत्साहित हैं। इसी तरह से इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों का बाजार भी गर्म है। फ्रिज, वाशिंग मशीन, आटा चक्की, सोफा एवं फर्नीचर आदि के डिजानदार सामान दुकानों के सामने सजे हुए ग्राहकों को लुभाते हुए नजर आ रहे हैं। इसी तरह सजावटी सामान भी दुकानों पर सज गए हैं। इसमें ग्रीनरी को दर्शाने वाले गमले में लगे आर्टीफीशियल पौधे, गुलदस्ते, देवी, देवताओं के साथ ही महापुरुषों एवं योद्धााओं की आकर्षक अंदाज में बनी छोटी प्रतिमाएं भी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इसी तरह से सर्राफा बाजार में भी हलचल नजर आने लगी है। ज्वेलर्स मनीष सुराणा ने बताया कि सोने के भाव अधिक जरूर हैं, लेकिन फिर भी परंपरागत रूप से इनकी खरीद होती है। इस बार भी बेहतर खरीद होने की पूरी उम्मीद है। धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीद को शुभ माना जाता है। इसीलिए सर्राफा बाजार में दुकानदारों ने नई डिजाइन की ज्वेलरी प्रदर्शित की है। इस बार डिजाइनर कंगन और हल्के वजन के नेकलेस की मांग ज्यादा है। बाजार के पूरी तरह सजने से किला ढाल, गांधी चौक और तिगरी बाजार में दुकानों पर लगी झालरों और बिजली की रोशनी से दीपो के शहर में बदला हुआ नागौर नजर आने लगा है।
बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर भीड़
शहर के बर्तन बाजार और स्टेशन रोड स्थित इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर ग्राहकों की चहल-पहल बढ़ गई है। स्टील, तांबे और चांदी के बर्तनों की खरीद को लेकर महिलाएं उत्साहित नजर आई। व्यापारी नरेश ने बताया, शुक्रवार शाम तक खरीदार पूछताछ कर रहे हैं, शनिवार को सुबह से ही खरीदारी की भीड़ रहेगी। इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर भी टीवी, फ्रिज, और किचन आदि के सामानों पर दुकानदार खुद के स्तर पर लुभावनी स्कीम्स बनाकर खरीदारों को आकर्षित करने में लगे हुए हैं।
त्रिशूल, मोर और आईक्रीम अनार से सजा पटाखों का बाजार
दीपावली के लिए शहर पटाखा की दुकानों से सज गया है। दुकानों पर भी चहल-पहल बढ़ी है। इस बार परंपरागत अनार और फुलझड़ी के साथ-साथ त्रिशूल पटाखा, मोर पटाखा, आईस्क्रीम अनार और चिडिय़ा की आवाज वाले पटाखे खास आकर्षण बने हुए हैं। बाजार में बच्चों को ध्यान में रखते हुए ध्वनि और दृश्य प्रभाव वाले विशेष आइटम्स उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें मोर पटाखा, जलने पर रंग-बिरंगी रोशनी के साथ मोर के पंखों जैसे दृश्य देता है। वहीं आईस्क्रीम अनारनामक पटाखा जलते समय आइसक्रीम की तरह आकार लेते हुए रंग-बिरंगे फूल छोड़ता है।
चिडिय़ा की आवाज, मोर की झलक
चिडिय़ा की आवाज के साथ जलने वाला पटाखा आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसी तरह अनार इस बार बिलकुल नए अंदाज में आया है। इसे जलाने पर ही मोर की आकृति में जलता हुआ शानदार दृश्य उत्पन्न करता है। यह पटाखे खासतौर पर बच्चों को बेहद लुभा रहे हैं और उनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। बाजार में लुभाने वाले पटाखों में त्रिलूल पटाखा जलने पर तीन दिशाओं में छूटती चिंगारियों के साथ आकर्षित करता है।
शीशा नहीं, फ्रेम के साथ लेमीनेटेड फोटो
बाजार में लेमीनेटेड फोटो के साथ ही बिना शीशे वाला फ्रेम भी बाजार में आया है। शीशा गिरने पर टूट जाता है, लेकिन इस फ्रेम में लगी फोटो बिलकुल नए अंदाज में उसी तरह से दीवार पर सजी रहती है। इसके गिरने पर टूटने का खतरा भी नहीं होता है। इसी तरह से चांदी के निर्मित उत्पादों में गणेश, लक्ष्मी एवं शुभ चिह्नों के साथ पूरी किट मिल रही है। बाजार में मिट्टी की झालरें भी रंगीन बिजली की झालरों से बराबरी से मुकाबला करती नजरआ रही हैं। दीये भी सामान्य नहीं, बल्कि कई प्रकार के आकारों में ढले हुए हैं। इनमें दीपक जलाने के लिए धार्मिक दृष्टिकोण से चार से सात मुखी तक के बनाए गए हैं। परंपरागत रूप से यह भी आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं
होगी खरीदारों की भीड़, व्यापारी उत्साहित
दुकानदारों को उम्मीद है कि शनिवार को धनतेरस के शुभ मुहूर्त में रिकॉर्ड खरीदारी होगी। सर्राफा और बर्तन बाजारों में अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। ट्रैफिक पुलिस ने भी बाजार क्षेत्रों में अस्थायी की व्यवस्था की है। ताकि बाजार में खरीदारों को मुश्किल स्थिति का सामना न करना पड़े।