पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप की घटना से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया है। इस वारदात की पीड़िता ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली है जो मेडिकल के दूसरे वर्ष की छात्रा है, इस वारदात के बाद वह अभी अस्पताल में भर्ती है। इलाज के दौरान उसने डॉक्टर को जो बयान दिया, वह दिल दहला देने वाला है। पीड़िता ने बताया कि वह अपने एक दोस्त के साथ बाहर डिनर करने के लिए गई थी। लौटते समय, कुछ लोग अपनी गाड़ी से उतर कर उनकी तरफ बढ़े। डर के मारे वे दोनों जंगल की ओर भागे, लेकिन तीन लोगों ने उसे पकड़ लिया और जबरन जंगल के अंदर ले गए।
वह बताती है कि उन्होंने उसका फोन छीना और कहा कि अपने दोस्त को बुलाओ। जब दोस्त नहीं आया, तो वे उसे और अंदर की ओर ले गए। उसने बताया कि जब वह चिल्लाई, तो आरोपियों ने धमकी दी कि अगर शोर किया, तो और लोगों को बुला लेंगे वो सभी उसके साथ ऐसा करेंगे। डर के मारे वह चुप हो गई। यह घटना शुक्रवार रात की है। इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पांच में से एक पहले का कॉलेज का गार्ड है, जो एक अस्पताल में काम करता है, दूसरा नगरपालिका में अस्थायी नौकरी करता है और तीसरा बेरोज़गार है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर पूरे मामले का सीन रीक्रिएट किया जा रहा है, ताकि पीड़िता के बयान को पक्का किया जा सके। यह पूरा मामला परानगंज कालीबाड़ी श्मशान घाट के पास, जंगल के एक हिस्से में हुआ। जो कॉलेज के गेट के पास ही है।
इस घटना के सामने आने के बाद पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। यह मामला अब राजनीतिक बहस का रूप भी ले चुका है। पीड़िता के पिता ने कहा कि अब वह अपनी बेटी को वापस ओडिशा ले जाना चाहते हैं, क्योंकि उसके जीवन से बढ़कर कुछ नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल का माहौल उन्हें “औरंगज़ेब के शासन” जैसा लग रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान ने भी विवाद और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा था कि “महिला छात्राओं को रात में बाहर नहीं जाना चाहिए।” जिसको लेकर देशभर से उनकी आलोचना हो रही है। कई लोगों ने पूछा कि क्या लड़कियों को अब पढ़ाई छोड़कर घर बैठ जाना चाहिए?
बता दें कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक “दूसरी नवजागरण क्रांति” की ज़रूरत है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह बनाना अब भी हमारे समाज के लिए एक सपना ही रहेगा? क्या लड़की का देर रात बाहर जाना उसकी गलती मानी जाएगी, या फिर समाज दोषियों को जिम्मेदार ठहराएगा? फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।